तंगी नहीं है, किसी से दया या पैसा नहीं चाहिए: वायरल वीडियो पर बोले संतोष आनंद
एक प्यार का नग़मा है... मोहब्बत है क्या चीज... बॉलीवुड को कई सुपरहिट गाने देने वाले मशहूर गीतकार संतोष आनंद इन दिनों सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बने हैं। इंडियन आइडल में जाने के बाद सामने आया उनका एक भावुक वीडियो गलत संदर्भों के साथ वायरल हो रहा है। नेहा कक्कड़ द्वारा स्नेहवश पांच लाख रुपए भेंट के तौर पर दिए जाने बाद ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि संतोष आनंद आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, वहीं इस प्रकरण, फिल्म जगत से मिल रहे ऑफर और करियर सहित तमाम बिंदुओं पर उन्होंने हिन्दुस्तान से खुलकर बातचीत की। उन्होंने इस दौरान साफ कर दिया है कि उन्हे पैसे या दया नहीं बल्कि सभी का सम्मान चाहिए।
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है और उसको लेकर जिस तरह की चर्चाएं हैं उस पर आपकी क्या राय है?
मैं इंडियन आइडल में मुंबई गया और मुझे वहां लोगों का बहुत प्यार मिला। मैं पहले वहां जा नहीं रहा था लेकिन मेरी बेटी से लोगों ने मुझे यहां बुलाने के लिए कहा। उसके बाद मैं वहां गया। वहां प्यारेलाल जी, उनकी पत्नी सहित कई लोग थे। वह मुझे देखकर भावुक हो गए और मैं भी अपनी भावना रोक नहीं पाया। लक्ष्मीकांत व प्यारेलाल जी के साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता है। वहां नेहा कक्कड़ ने मुझे पांच लाख रुपये देने की घोषणा की, मैंने मना कर दिया और कहा कि मैं बेहद स्वाभिमानी व्यक्ति हूं। मैं किसी से नहीं मांगता आप ये बात वीडियो में भी देख सकते हैं। नेहा बहुत प्यारी बच्ची है। उसने कहा कि अपनी पोती समझकर स्वीकार कर लीजिए, मूल से अधिक सूद प्यारा होता है। उसने ऐसा नाता बना लिया कि मैंने कहा मुझे स्वीकार है। मुझे नहीं पता था कि इतना हंगामा हो जाएगा।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि आप घोर आर्थिक तंगी में हैं?
कुछ लोग जानूबझकर ऐसा कर रहे हैं। वह कौन हैं मैं नहीं जानता लेकिन अदृश्य लोग हैं। मुझसे देश में और देश के बाहर अनगिनत प्यार करने वाले हैं। बड़े-बड़े लोगों के फोन आए, फोन लगातार बज रहा है। इसके लिए मैं किसी को रिश्वत नहीं देता। कोरोना काल छोड़ दीजिए तो मुझे लोगों ने लगातार कवि सम्मेलनों में बुलाया। लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं। अब भी बुला रहे हैं। यह तपस्या की कमाई है। मैं मेहनत करता हूं इसलिए मुझे किसी से दया या पैसा नहीं सम्मान चाहिए।
पूरे प्रकरण में क्या वो लोग जिम्मेदार हैं जो सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख रहे हैं और संदर्भ बदलकर कोई वीडियो डाल देते हैं?
मैं इस बारे में क्या कह सकता हूं, सबका अपना नजरिया है। मैं सबको जवाब तो नहीं दे सकता। लेकिन ऐसा करने वालों में कुछ लोग वो हैं जो खरीदे हुए हैं। बकायदा इसी चीज के लिए तैयार किए गए हैं। ये फिल्म लाइन है, किसी को बड़ा बनाने के लिए भी पैसा खर्च करते हैं और छोटा बनाने के लिए भी। फिल्म लाइन तो मैं छोड़ कर आया हूं। किसी ने मुझसे कुछ भी नहीं कहा था।
इस मामले को अपने करियर की दृष्टि से कैसे देखते हैं?
मैंने शुरू से अपने करियर को नहीं देखा। मेरा गीत मेरा करियर है। अगर मैं पहले से भी अच्छा लिख सकूं तो मैं प्रभु को धन्यवाद दूंगा कि तुमने इस दुनिया से जाते जाते मुझसे कुछ अच्छा काम करा दिया। लेकिन मैं एक बात जानता हूं कि मैं दिल से निकलता हूं और दिल तक पहुंचना चाहता हूं।
आने वाले कुछ वर्षों में क्या आपके गाने फिल्मों में सुनाई देंगे?
इस पर संतोष आनंद हंसते हुए कहते हैं कि भविष्य की बात कैसे कहें। पंक्षी हूं उड़ना मेरा काम है, बात बनी तो फिर उड़कर चला जाऊंगा। फिल्म जगत के बड़े संगीतकार, प्रोड्यूसर यहीं घर आना चाहते हैं, रिकॉर्ड करना चाहते हैं और वह आ रहे हैं। एक बात बता दूं, हमेशा गीत के माध्यम से आपके पुराने सपने अपने बनते हैं और वही सपने पूरे समाज, पूरे राष्ट्र और पूरे विश्व का यथार्थ बनते हैं। जिसे आप गीत कहते हैं उसमें हमारा कलेजा, हृदय कट-कट कर निकलता है। रात-रात भर जागकर लिखते हैं, अच्छा नहीं लगता तो कागज फाड़कर फेंक देते हैं। कभी-कभी मैं और लक्ष्मीकांत जी आपस में गप्पे मारते हुए भी गीत बना लेते थे।
फिल्मों में भी गीत लिखे हैं और आप कवि सम्मेलन में भी लोकप्रिय कवि हैं? दोनों जगहों को कैसे देखते हैं?
मंचों पर गीतों को पसंद करने पर दर्शकों की तालियां तुरंत कानों में सुनाई देती हैं। इससे मन प्रसन्न हो जाता है। संतुष्टि भी मिलती है। जबकि फिल्मों में लंबा इंतजार करना पड़ता था। मन में हमेशा यह बात आती रहती है कि यह गाना हिट होगा कि नहीं होगा।
क्या आपके गीतों की किताब भी आने वाली है?
मेरी दो किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। और एक और आने वाली है। उसकी पांडुलिपि तैयार है।
क्या आपको कवि सम्मेलन अधिक प्रिय है?
लोग मुझे प्यार करते हैं और बुला लेते हैं। मुझे मंच पर मजा आता है। पैसा भी मिलता है। मंच पर अच्छा लगता है। कहीं घर में कोई कमी नहीं है। ठीक नहीं सब कुछ बहुत ठीक चल रहा है। जो कला के लिए दीमक हैं और जो कला और कलाकार को खाते हैं, वे ही शोर मचा रहे हैं और कुछ नहीं है। ये गलत पब्लिसिटी के लिए पैसा खाकर ऐसा कर रहे हैं।
मैं एक स्वाभिमानी व्यक्ति हूं’
बातचीत के दौरान संगीतकार प्यारेलाल की पत्नी का फोन आया और उन्होंने संतोष आनंद से कहा कि मुंबई में कुछ लोग आपकी आर्थिक मदद करना चाहते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मैं इंडियन आइडल के मंच से भी कह चुका हूं कि मैं एक स्वाभिमानी व्यक्ति हूं, मुझे पैसा नहीं सम्मान चाहिए। उन लोगों को मुझसे प्रेम है तो मुंबई में एक कार्यक्रम आयोजित कर मुझे और प्यारेलाल जी, दोनों को एक साथ सम्मानित कर सकते हैं।
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