मौसम विभाग ने क्यों दी ‘वायु’ से बचने की चेतावनी?
चक्रवाती तूफान ‘वायु’ बड़ी तेजी से अरब सागर के तटीय इलाके की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि 'वायु' अगले 24 घंटे में विकराल और गंभीर रूप धारण कर सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी भी जारी की है।
ओडिशा के पूरी और अन्य शहरों में तबाही मचाने वाले ‘फानी’ तूफान को लोग अभी भूल भी नहीं पाए हैं कि एक और चक्रवाती तूफान ‘वायु’ बड़ी तेजी से अरब सागर के तटीय इलाके की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि 'वायु' अगले 24 घंटे में विकराल और गंभीर रूप धारण कर सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी भी जारी की है। घस बार तूफान का नाम भारत ने रखा है।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण चक्रवात तूफान ‘वायु’ तेज हो गया है। चक्रवात नॉर्थ वेस्ट अमीनिदीवी, लक्षद्वीप से 380 किलोमीटर, साउथ वेस्ट मुंबई, महाराष्ट्र में 630 किलोमीटर और वेरावल, गुजरात के साउथ में 780 किलोमीटर दूरी पर है। यह पिछले 6 घंटे से 12 किलोमीटर की रफ्तार से उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे में और खतरनाक हो सकता है।
मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। साथ ही बंदरगाहों को भी खतरे का संकेत देने को कहा गया है। गुजरात मौसम विभाग ने अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण 13 और 14 जून को सौराष्ट्र तथा कच्छ में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है।
चक्रवाती तूफान और उसके बाद गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल जाने का अनुमान है। यह 13 जून की सुबह तक गुजरात के तटीय इलाके पोरबंदर और महुवा के बीच 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंच सकता है। जिसकी रफ्तार बढ़कर 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक होने की भी संभावना है।
मछुआरों को साउथ ईस्ट अरब सागर के लक्षद्वीप इलाके, केरल और कर्नाटक के समुद्र इलाके में नहीं जाने की सलाह दी गई है। महाराष्ट्र के समुद्री इलाके में 11 और 12 जून को नहीं जाने को कहा गया है। अगर कोई गहरे समुद्री इलाके में चले गए हों, तो उन्हें तुरंत वापस आने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार साउथ और वेस्ट इलाकों, केरल,तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा में अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश भी हो सकती है। इसके साथ ही इन इलाकों में चक्रवाती तूफान की आशंका व्यक्त करते हुए विभाग ने केरल, तटीय कर्नाटक और दक्षिणी महाराष्ट्र में 11 जून को 65 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की आशंका जताई है।
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