बिहार में कहां और क्यों हुआ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार को विरोध का सामना करना पड़ा। नीतीश हालात का जायजा लेने के लिए मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल पहुंचे थे, जहां पीड़ित परिजनों ने नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यहां चमकी बुखार का कहर जारी है। बच्चों की मौत का सिलसिला भी जारी है। इस जानलेवा बुखार ने अब तक 138 से ज्यादा बच्चों की जान ले ली है। चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों से पूरा अस्पताल भरा पड़ा है।
दुर्भाग्य यह है कि नीतीश कुमार सरकार की नींद काफी देर से खुली है। इतने बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को हालात का जायजा लेने के लिए खुद मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उन्हें पीड़ित परिजनों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। पीड़ित परिजनों ने उनका जमकर विरोध किया। लोगों ने नीतीश कुमार वापस जाओं के नारे लगाए। लोगों का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्था खराब है और सरकार की तरफ से बच्चों को कोई दवा नहीं दी जा रही है।
बिहार सरकार ने चमकी से प्रभावित बच्चों को निशुल्क एंबुलेंस मुहैया कराने और पूरे इलाज का खर्च उठाने जैसी घोषणाएं करने के साथ ही इस बीमारी से मरने वालों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान भी किया है।
आपको बता दें कि लंबे से नीतीश कुमार के मुजफ्फरपुर नहीं पहुंचने के कारण बिहार की सियासत गर्म है। पीड़ित परिजनों में भी भी इस बात को लेकर आक्रोश था और जब नीतीश कुमार अस्पताल पहुंचे तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। अस्पताल के अंदर मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई है।
वास्तव में राज्य की नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। राज्य सरकार पर समय रहते तैयारी न करने और इलाज की पर्याप्त सुविधाएं न होने के आरोप लग रहे हैं। इस बीच विपक्ष ने भी नीतीश सरकार पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। राष्ट्रीय जनता दल ने कहा है कि वह नीतीश सरकार के खिलाफ 24 जून को प्रदर्शन करेगा।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने बच्चों के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इंसेफलाइटिस बुखार से निपटने की सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं।
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ बीमारी से पहले एक्शन नहीं लेने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। बच्चों की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है।
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