कोरोना संक्रमित मरीज के 20 घंटे के इलाज का लिया 1.15 लाख, बिल थमाया 50 हजार रुपये का
पटना शहर में निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीज से उपचार के नाम पर मनमाना पैसा लेने का सिलसिला जारी है। बाइपास के रामकृष्णा नगर स्थित हॉस्पिटल पर आरोप है कि उसने बीस घंटे के इलाज के लिए मरीज के परिजन से एक लाख 15 हजार रुपये लिए। इसके बदले रसीद सिर्फ पचास हजार रुपये की दी।
अस्पताल को कोविड मरीजों के उपचार की अनुमति भी नहीं है। मरीज के परिजन विजय कुमार सिंह ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की। शिकायत मिलने पर धावा दल ने अस्पताल पर छापेमारी की। धावा दल की छानबीन में शिकायत सही पाई गई। अस्पताल प्रबंधन ने शिकायत पर सही जवाब नहीं दिया बल्कि कई कर्मी मौके से फरार हो गए। जिसके बाद धावा दल की ओर से रामकृष्णा नगर थाने में अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
एंबुलेंस चालक लेकर पहुंचा था अस्पताल
वैशाली के विजय कुमार सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार वैशाली का एक एंबुलेंस चालक मरीज को हॉस्पिटल लेकर आया। जबकि इस अस्पताल के बारे में विजय कुमार या उनके परिजनों को कोई जानकारी नहीं थी। एंबुलेंस वाले ने ही अस्पताल से बात की तथा मरीज को भर्ती करा दिया। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का अस्पताल में 20 घंटे उपचार चला। जिसका अस्पताल ने 1 लाख 15 हजार मरीज के परिजनों से देने को कहा लेकिन अस्पताल की ओर से दिए गए बिल में केवल 50 हजार का जिक्र किया गया।
शिकायत के बाद धावा दल के सदस्यों ने सोमवार की दोपहर लगभग 2 घंटे तक अस्पताल में छानबीन की। इसके बाद पता चला कि मरीज द्वारा दी गई राशि का अस्पताल में केवल 50 हजार का ही जिक्र है। मजिस्ट्रेट द्वारा अस्पताल प्रबंधन से इस संबंध में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया तथा कई लोग मौके से फरार हो गए। मजिस्ट्रेट ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर्र ंसह को दी। डीएम के निर्देश के बाद मजिस्ट्रेट ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रामकृष्णा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
अस्पताल और एंबुलेंस की साठगांठ की भी जांच की जाएगी
छानबीन में यह भी पता चला है कि एंबुलेंस चालकों का कई प्राइवेट अस्पतालों से सांठगांठ है, जो पटना के बाहर से आने वाले मरीजों को भर्ती कर आते हैं तथा इसमें कमीशन लेते हैं। मरीज को जो एंबुलेंस चालक लेकर आया था। उसकी खोजबीन चल रही है ताकि पता लगाया जा सके कि एंबुलेंस चालक और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच क्या सांठगांठ है। डीएम ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जो मरीजों से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं।
आपदा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज
मजिस्ट्रेट ने बताया कि मेडिवल्र्ड हॉस्पिटल जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 के लिए जारी की गई सूची में शामिल नहीं है। इसके बावजूद अपने यहां मरीज को भर्ती कर उपचार करा रहा था। इतना ही नहीं इस अस्पताल में राज्य सरकार द्वारा घोषित कोविड-19 के मरीजों के उपचार से संबंधित बोर्ड भी नहीं लगाया गया था। इसलिए इस अस्पताल के खिलाफ आपदा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
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