पाकिस्तान के नए पीएम शाहबाज शरीफ की कश्मीर मसले पर क्या लाइन रहने वाली है?
मियां मुहम्मद शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने 11 अप्रैल को पीएम पद की शपथ ली है। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने पाकिस्तानी संसद में करीब आधे घंटे का भाषण दिया। इस भाषण में उन्होंने पाकिस्तान की राजनीति और मसलों पर बातचीत की। इसके साथ ही उन्होंने भारत को लेकर भी बात की। उन्होंने कश्मीर मसले पर भी अपना स्टैंड रखने की कोशिश की। आइए जानते हैं कि कश्मीर मसले पर शाहबाज शरीफ की क्या लाइन रहने वाली है?
मियां मुहम्मद शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने 11 अप्रैल को पीएम पद की शपथ ली है। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने पाकिस्तानी संसद में करीब आधे घंटे का भाषण दिया। इस भाषण में उन्होंने पाकिस्तान की राजनीति और मसलों पर बातचीत की। इसके साथ ही उन्होंने भारत को लेकर भी बात की। उन्होंने कश्मीर मसले पर भी अपना स्टैंड रखने की कोशिश की। आइए जानते हैं कि कश्मीर मसले पर शाहबाज शरीफ की क्या लाइन रहने वाली है?
कश्मीर की वादी कश्मीरियों के खून से सुर्ख हो गई है:
शाहबाज शरीफ ने कहा है कि हम बदकिस्मती से भारत से बेहतर संबंध नहीं बना सके। नवाज शरीफ ने भारत से बेहतर संबंध चाहा था। अगस्त 2019 में कश्मीर के साथ जो हुआ, आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया गया। हमने कोई कदम उठाए? मसले को अंतररष्ट्रीय स्तर पर उठाया कि कश्मीरियों के साथ क्या हश्र हो रहा है? कश्मीर की वादी में कश्मीरियों का खून बह रहा है। वहां की वादी कश्मीरियों के खून से सुर्ख हो गई है।
कश्मीरी हमारे लोग, उन्हें देंगे पूरा सपोर्ट:
उन्होंने आगे कहा कि हम भारत से बेहतर संबंध चाहते हैं लेकिन मसला-ए-कश्मीर को हल किए बिना अमन कायम नहीं हो सकता। हम कश्मीरियों के लिए हर फोरम पर आवाज उठाएंगे। राजनयिक स्तर पर काम करेंगे। उन्हें सपोर्ट देंगे। वे हमारे लोग हैं। मैं पीएम मोदी को यह सलाह दूंगा कि आप समझें कि दोनों ओर गरीबी है, बेरोजगारी है। हम अपना और अपने आने वाले नस्लों का नुकसान क्यों करना चाहते हैं? आइए कश्मीर मसले को कश्मीरियों के उमंगों के मुताबिक तय करें। भारत और पाकिस्तान खुशहाली लेकर आएं।
शाहबाज शरीफ का कश्मीर पर पुराना स्टैंड क्या रहा है?
2010 के उनके ट्वीट को देखने से पता चलता है कि वह उस वक्त भी भारत के आंतरिक मामलों पर कमेंट किया करते थे। 2010 में वह पाकिस्तान पंजाब के सीएम थे। उनका मानना रहा है कि यूनाइटेड नेशंस के प्रस्तावों के जरिए कश्मीर का समाधान संभव है।
2012 में उन्होंने कहा था कि कश्मीर मुद्दे को कश्मीरियों की आकांक्षाओं के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि सार्थक और व्यावहारिक बातचीत के जरिए मसले को सुलझाया जा सकता है। 2019 में भारत द्वारा आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के बाद शाहबाज ने इसकी निंदा करते हुए कहा था कि भारत का यह स्टैंड यूनाइटेड नेशंस के खिलाफ युद्ध की घोषणा है।
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