दिल्ली में कोरोना के 165 नए केस, 260 मरीज हुए ठीक, एक्टिव केस घटकर 2445 पर आए
राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 165 नए मामले सामने आए तथा 14 और मरीजों की मौत हो गई, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस अवधि में महामारी के संक्रमण से 260 मरीज स्वस्थ हुए। दिल्ली में आज एक्टिव केस घटकर 2445 रह गए।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में जहां कोरोना के 165 नए मरीज मिले हैं, वहीं 14 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। बुलेटिन के अनुसार, आज 260 मरीज पूरी तरह ठीक होकर कोरोना मुक्त हो गए, जबकि गुरुवार को ठीक होने वालों की संख्या 343 थी। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि दिल्ली में अब तक संक्रमितों की कुल संख्या 14,32,033 हो गई है और 698 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। राजधानी में अब कोरोना वायरस संक्रमण के एक्टिव केस घटकर 2,445 पर आ गए हैं। इसके साथ ही, अब तक कुल 14,04,688 मरीज इस महामारी को मात देकर ठीक भी हो चुके हैं। वहीं अब तक कुल मृतकों का आंकड़ा 24,900 पर पहुंच गया है।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटे में दिल्ली में कुल 76,480 टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 53,724 आरटीपीआर/ सीबीएनएएटी / ट्रूनैट टेस्ट और 22,756 रैपिड एंटीजन टेस्ट शामिल थे। दिल्ली में अब तक कुल 20,626,314 जांचें हुई हैं और प्रति 10 लाख लोगों पर 10,85,595 टेस्ट किए गए हैं। इसके साथ ही अब यहां कंटेनमेंट जोन की संख्या भी घटकर 5,452 पर आ गई है।
वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक बैठक कर राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका के मद्देनजर इससे निपटने की तैयारियों और कार्य योजनाओं पर चर्चा की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि बैठक में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बेड्स और ऑक्सीजन के प्रबंधन, दवाइयों और टीकों की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई।
बता दें कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राजधानी के विभिन्न बाजारों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन का संज्ञान लिया और कहा कि इस तरह के उल्लंघन केवल कोरोना की तीसरी लहर को तेज करेंगे, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को इस संबंध में सख्त कदम उठाने, दुकानदारों को जागरूक करने और बाजारों और विक्रेता संघों के साथ बैठक करने को कहा है।
जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस आशा मेनन की अवकाश पीठ ने एम्स के एक डॉक्टर द्वारा हाईकोर्ट के न्यायाधीशों में से एक को भेजी गई कुछ तस्वीरों पर ध्यान दिया, जो बाजारों में रेहड़ी-पटरी वालों द्वारा COVID-19 प्रोटोकॉल की अनदेखी को दिखाती हैं। बेंच ने कहा कि हमने दूसरी लहर में एक बड़ी कीमत चुकाई है। हमें नहीं पता कि क्या ऐसा कोई घर है, जो दूसरी लहर में निकट या दूर से पीड़ित नहीं हुआ है।
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