शीर्ष अदालत अब करेगी सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से लिंक करने संबंधी मामलों की सुनवाई, हाईकोर्ट नें लंबित मामलेों को किया ट्रांस्फर
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “कोई भी मध्यस्थ यह नहीं कह सकता है कि निजता की आड़ में आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा, फेक न्यूज, अपमानजनक पोस्ट और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को विनियमित करने के लिए नए नियम 15 जनवरी तक बना लिए जाएंगे।”
आधार कार्ड और सोशल मीड़िया से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में लंबित सोशल मीडिया खातों को आधार नंबर से जोड़ने संबंधी सभी मामलों को अपने पास ट्रांसफर किया। इन मामलों पर कोर्ट में जनवरी 2020 के अंतिम सप्ताह में सुनवाई होगी। इससे पहले फेसबुक ने तीन हाईकोर्ट में सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से लिंक करने से संबंधित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील की थी।
केंद्र सरकार ने इस बावत कोर्ट से कहा कि सरकार नागरिकों की गोपनीयता को भंग करने लिए नहीं है,लेकिन गोपनीयता को राष्ट्रीय हित और संप्रभुता के साथ संतुलित होना चाहिए।
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “कोई भी मध्यस्थ यह नहीं कह सकता है कि निजता की आड़ में आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा, फेक न्यूज, अपमानजनक पोस्ट और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को विनियमित करने के लिए नए नियम 15 जनवरी तक बना लिए जाएंगे।”
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया खातों को आधार नंबर से जोड़ने की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। इस याचिका में ‘फेक' और ‘पेड' खबरों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार को इस बारे में निर्देश देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा था, “हर मामला सुप्रीम कोर्ट तक लाने की जरूरत नहीं है।”
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