प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी सांसदों को नसीहत,कहा-सभी को समाज में शांति, सौहार्द और एकता सुनिश्चित करने के लिए निभानी चाहिए अग्रणी भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली हिंसा पर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पार्टी नेताओं को नसीहत दी है। उन्होंने कहा, 'हम राष्ट्रीय हित के लिए जमा हुए हैं। राष्ट्र सबसे ऊपर है और विकास हमारा मंत्र है।' संसद का सत्र शुरू होने से पहले मंगलवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के लिए शांति एकता और सदभाव जरूरी है। आज भी कई पार्टियां हैं जो पार्टी हित को राष्ट्र हित से ऊपर रखती हैं।
देश के विकास के लिए शांति, एकता और सदभाव जरूरी है। पहले देश होता है, फिर दल होता है। क्या आजादी के लिए जान देने वालों ने देश के लिए यही सोचा था? आज हम कहां पहुंच गए हैं? देशभक्ति से ज्यादा दल को अहमियत क्यों दे रहे हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ये बातें कही। प्रधानमंत्री भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बीजेपी संसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले देश होता है फिर दल होता है। विकास हमारा मंत्र है, विकास की पहली आवश्यकता एकता एवं सौहार्द है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी सांसदों को समाज में शांति, सौहार्द और एकता सुनिश्चित करने के लिए अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
संसद के पुस्तकालय भवन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम राष्ट्रीय हित के लिए जमा हुए हैं। राष्ट्र सबसे ऊपर है और विकास हमारा मंत्र है। उन्होंने कहा कि आज भी कई पार्टियां हैं,जो पार्टी हित को राष्ट्र हित से ऊपर रखती हैं। दिल्ली में हुए दंगों के बाद हुई बीजेपी संसदीय दल की इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बीजेपी के तमाम सांसद मौजूद रहे।
इससे पूर्व 4 फरवरी को हुई बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी सांसदों से कहा था कि कुछ लोगों ने बजट पर भ्रम फैलाने की कोशिश की है। लेकिन जनता भ्रमित नहीं हुई और सबको समझ में आ गया है कि बहुत अच्छा बजट है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां तक कि अब आलोचकों ने भी यह स्वीकार किया है कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में बजट सर्वश्रेष्ठ है।
गौरतलब है कि संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार को हुई है। सत्र के पहले दिन दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर हिंसा के दौरान तीन दिनों तक सोते रहने का आरोप लगाया।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यदि तीन दिनों तक केंद्र सरकार सोई न रहती तो हिंसा नहीं होती। इसके अलावा संसद परिसर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली हिंसा पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।
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