प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्पोरेट टैक्स में कटौती को बताया ऐतिहासिक कदम,आर्थिक वृद्धि दर में आएगी गति, मेक इन इंडिया को मिलेगा प्रोत्साहन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कार्पोरेट टैक्स में कटौती का कदम ऐतिहासिक है। यह मेक इन इंडिया को एक शानदार प्रोत्साहन देगा, जो दुनिया भर से निजी निवेश को आकर्षित करेगा, हमारे निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा में सुधार करेगा और अधिक नौकरियां पैदा करेगा। यह 130 करोड़ भारतीयों की जीत होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की आर्थिक वृद्धि दर में गति लाने के मकसद से बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती का ऐलान किया है, जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया और इसे ऐतिहासिक कदम बताया। ट्वीट कर प्रधानमंत्री ने इसे 130 करोड़ भारतीयों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कार्पोरेट टैक्स में कटौती का कदम ऐतिहासिक है। यह मेक इन इंडिया को एक शानदार प्रोत्साहन देगा, जो दुनिया भर से निजी निवेश को आकर्षित करेगा, हमारे निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा में सुधार करेगा और अधिक नौकरियां पैदा करेगा। यह 130 करोड़ भारतीयों की जीत होगी।
प्रधानमंत्री कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में हुई घोषणाएं स्पष्ट रूप से बताती हैं कि हमारी सरकार भारत को व्यापार के लिए बेहतर बनाने, समाज के सभी वर्गों के लिए अवसरों को बेहतर बनाने और भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में जो कटौती की घोषणा की है, उसके बाद अब घरेलू कंपनियों के लिए सभी अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी। नई दर इस वित्त वर्ष के एक अप्रैल से प्रभावी होगी। दर कम करने और अन्य घोषणाओं से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है।
इससे पहले निर्मला सीतारमण ने कहा कि निवेश और आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिए ये कदम उठाये गए हैं। अगर कोई घरेलू कंपनी किसी भी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लें, तो उनके लिए कॉरपोरेट कर की दर 22 प्रतिशत होगी। उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम और वित्त अधिनियम में किए गए बदलाव अध्यादेश के जरिए अमल में लाए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने बताया कि 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुनने वाली कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर देने की जरूरत नहीं होगी। और 1 अक्टूबर के बाद बनने वाली घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के 15 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान कर सकेंगी। इनके लिए अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 17.01 प्रतिशत होगी। उन्होंने कहा कि छूट का लाभ उठा रही कंपनियां इनकी अवधि समाप्त होने के बाद कम दर पर कर का भुगतान करने का विकल्प चुन सकती हैं।
आपको बताते चलें कि सरकार ने प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित उपकर को भी वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर कार्पोरेट टैक्स समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है। वित्तमंत्री ने एक अन्य राहत देते हुए कहा कि जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी कार्पोरेट टैक्स नहीं देना होगा।
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