जानिए, अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भी पाकिस्तान को क्यों खानी पड़ी मुंह की?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले 50 से अधिक देशों का समर्थन मिलने का दावा किया था। लेकिन पाकिस्तान कश्मीर पर प्रस्ताव नहीं ला सका। जरूरी के 16 सदस्य देशों का समर्थन भी नहीं जुटा सका, इससे साफ हो गया है कि पाकिस्तान के इस प्रस्ताव पर एक भी देश ने साथ नहीं दिया। कूटनीतिक नजरिये से देखा जाए तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बड़ी जीत है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद यानी यूएनएचआरसी में एक बार फिर हार हुई है। 42 वें यूएनएचआरसी के सत्र में कश्मीर पर प्रस्ताव लाने के लिए पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला। ज्यादातर सदस्य देशों ने कश्मीर पर प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने से इनकार कर दिया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले 50 से अधिक देशों का समर्थन मिलने का दावा किया था। लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तान कश्मीर पर प्रस्ताव नहीं ला सका। इससे साफ हो गया है कि पाकिस्तान के इस प्रस्ताव पर एक भी देश ने साथ नहीं दिया। कूटनीतिक नजरिये से देखा जाए तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बड़ी जीत है।
दरअसल, प्रस्ताव पेश करने के लिए कम से कम 16 देशों के समर्थन की जरूरत थी। दुनिया के अलग-अलग देशों के सामने जाकर कश्मीर पर पाकिस्तान समर्थन जुटाने में नाकाम रहा। जिनेवा में यूएनएचआरसी का 42वां सत्र चल रहा है, जिसमें 47 देश हिस्सा ले रहे हैं और भारतीय दल भी मजबूती से अपना पक्ष रखता है। भारतीय दल का नेतृत्व राजनयिक अजय बिसारिया कर रहे हैं। बिसारिया पूर्व में पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रह चुके हैं। कश्मीर मुद्दे पर इस्लामाबाद के झूठे आरोपों का जवाब देने के लिए भारतीय दल ने खासी तैयारी की है।
ज्ञात हो कि किसी भी देश के प्रस्ताव पर कार्रवाई करने से पहले न्यूनतम समर्थन की जरूरत होती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद से जिनेवा के लिए रवाना होने से पहले कश्मीर पर प्रस्ताव का वादा किया था। यूएनएचआरसी में इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के 15 देश हैं। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि वह इसके बाद समर्थन जुटा लेगा। कश्मीर के मुद्दे पर एक संयुक्त बयान के प्रबंधन के बाद भी इस्लामाबाद वोट नहीं जुटा पाया।
यूएनएचआरसी से संबंधित एक झूठे दावे को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की इससे पहले भी किरकिरी हुई थी। इमरान खान ने दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को 58 सदस्य देशों ने समर्थन दिया है जबकि यूएनएचआरसी में केवल 47 सदस्य ही हैं।
आपको बताते चलें कि भारत हमेशा कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला मानता है और कहता है कि इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। बावजूद इसके पाकिस्तान कभी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद लेने की बात करता है, तो कभी वह दुनिया के सामने कश्मीर को लेकर झूठे दावे करता है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पार से हमले और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।
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