बिहार के लोगों को बाहर जाकर नहीं करना पड़ेगा काम! नीतीश सरकार लगाने जा रही है यह उद्योग
बिहार के लोगों को काम की तलाश में अब प्रदेश के बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश के लोगों के लिए बिहार में ही उन्हें काम देने के लिए बिहार सरकार योजना बना रही है। बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि राज्य में टैक्सटाइल्स एवं लेदर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की गई है और जल्द ही टैक्सटाइल्स एवं लेदर नीति लाई जाएगी। मंत्री हुसैन ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार को टैक्सटाइल्स एवं लेदर उद्योग का हब बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बंगलादेश टैक्सटाइल्स का हब हो गया है और इंडियन कंपनी भी यहीं से कपड़ों का निर्माण करा रही है।
उन्होंने बताया कि बिहार मे भी टैक्सटाइल्स लेबर की कमी नहीं है। सरकार ने कोरोना काल मे बिहार लौटे मजदूरों का सर्वे कराया है, जिसमें सबसे अधिक कपड़ा निर्माण कार्य से जुड़े लेवर पाये गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में समस्तीपुर जिले के उधोग-धंधे को विकसित करने के लिए 304 करोड़ 38 लाख रुपये का इंबेसमेंट आया है, जिसमें जिले के गौसपुर सरसौना मे 130 करोड़ 72 लाख रुपये की लागत की सीमेंट फैक्ट्री एवं बाजितपुर मे 16 करोड़ की लागत से कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कार्य शामिल है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि समस्तीपुर जिले के वैनी स्थित खादी ग्राम उधोग को 14 लाख 70 हजार लागत की खादी बोर्ड से 43 चरखे दिए गए है। इसके अलावे जिले के रोसड़ा रेणू शिल्प को 40 लाख रुपये समान सुविधा केन्द्र निर्माण के लिए दिए गए है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक बीरेंद्र कुमार, भाजपा राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य राम सुमरन सिंह, शशिकांत आनंद, भाजपा जिलाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एवं उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह समेत अन्य पार्टी नेता उपस्थित थे।
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