समय के आगे किसी की नहीं चलती, कुछ ऐसा ही हो रहा है अनंत सिंह के साथ
जेडीयू नेता आर सी पी सिंह की पुत्री लीपी सिंह एसएसपी इस मामले में काफी दिलचस्पी ले रही हैं। चुनाव के समय इनपर एकतरफा कारवाई करने के आरोप लगने के बाद चुनाव आयोग ने लीपी सिंह को वहाँ से हटा भी दिया था। लेकिन चुनाव खत्म होते ही नीतीश कुमार ने फिर से वहीं उनकी पोस्टिंग कर दी। नजारा सभी के सामने हैं।
जे पी चंद्रा
कहते हैं समय के आगे किसी की नहीं चलती। कुछ ऐसा ही अभी बिहार के मोकामा से विधायक अनंत सिंह के साथ हो रहा है। आज भले ही सीएम नीतीश कुमार अनंत सिंह पर भारी पड़ रहे हैं और अनंत किला को ढाह रहे हैं, लेकिन हमें वो तस्वीर आज भी याद है जब मोकामा विधायक अनंत सिंह के सामने हाथ जोड़े नीतीश कुमार की तस्वीर मीडिया में वायरल हुई थी। जिसपर काफी बवाल भी मचा था। वायरल तस्वीर पर लोगों ने भी कई प्रतिक्रियाएं दी थीं तथा कयास लगाये थें। लोगों ने कहा था की छोटे सरकार से नीतीश कुमार भी डरते हैं।
परंतु, समय ने करवट बदला और आज उनके घर से नीतीश जी AK -47 जैसे घातक हथियार एवं बम बरामद करवा रहे हैं। यहाँ यह भी गौर करने वाली बात है की जेडीयू नेता आर सी पी सिंह की पुत्री लीपी सिंह एसएसपी इस मामले में काफी दिलचस्पी ले रही हैं। चुनाव के समय इनपर एकतरफा कारवाई करने के आरोप लगने के बाद चुनाव आयोग ने लीपी सिंह को वहाँ से हटा भी दिया था। लेकिन चुनाव खत्म होते ही नीतीश कुमार ने फिर से वहीं उनकी पोस्टिंग कर दी। नजारा सभी के सामने हैं।
कभी अनंत सिंह, सीएम नीतीश के काफी करीब मानें जाते थे। लेकिन ललन सिंह से उनके कद को नीतीश ने हमेशा नीचे रखा। लेकिन दोनों के एक ही , मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के कारण अब परिणाम सभी के सामने हैं। ललन सिंह लोकसभा पहुंच कर अर्श पर हैं तो वहीं अनंत सिंह चुनाव पराजित होकर फर्श पर हैं।
लेकिन इस कारवाई से एक सवाल तो उठना लाजिमी है कि क्या केवल एक अनंत सिंह ही बिहार में एक ऐसे बाहुबली हैं जिनके पास अवैध हथियारों का जखीरा और अवैध कार्य का व्यवसाय है? इसका उत्तर आपको बताने की जरूरत नहीं है। बहूत से बाहुबली हैं। तो क्या नीतीश कुमार उन सभी पर इस तत्परता के साथ कारवाई करने का आदेश देंगे। फिलहाल तो दूर-दूर तक ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है।
विधायक ने मुंगेर के सांसद ललन सिंह पर आरोप लगाया है कि उनके इशारे पर ही सरकार ये सब करवा रही है। बता दें कि अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मुंगेर से लोकसभा चुनाव लड़ी थीं, परंतु उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अनंत सिंह की पहचान बाहुबली की रही है।
दिलचस्प है, अनंत सिंह 2005 में वह पहली बार जदयू के टिकट पर चुनाव जीते थे और 2010 में भी वह जदयू के टिकट पर विधायक बने। 2015 में अनंत सिंह को हत्या के मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा था जिसके बाद उन्होंने जेल से ही मोकामा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और विधायक बने।
Comments (0)