निर्भया मामला : सुप्रीम कोर्ट ने की दोषी पवन शर्मा की याचिका खारिज,घटना के वक्त नाबालिग होने की दी थी दलील
देश की सर्वोच्च अदालत ने निर्भया मामले के चारों दोषियों में से एक पवन शर्मा की याचिका को एक बार फिर से खारिज कर दिया है। इस याचिका में पवन की ओर से दावा किया था कि जब दुष्कर्म की घटना हुई थी,तब वो नाबालिग था। मतलब उस दौरान उसकी उम्र 18 साल से कम थी। अदालत ने इससे पहले निर्भया मामले के दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की सुधारात्मक याचिका भी खारिज कर दी थी।
देश की सर्वोच्च अदालत ने निर्भया मामले के चारों दोषियों में से एक पवन शर्मा की याचिका को एक बार फिर से खारिज कर दिया है। इस याचिका में पवन की ओर से दावा किया था कि जब दुष्कर्म की घटना हुई थी,तब वो नाबालिग था। मतलब उस दौरान उसकी उम्र 18 साल से कम थी। अदालत ने इससे पहले निर्भया मामले के दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की सुधारात्मक याचिका भी खारिज कर दी थी।
न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने दोषी अक्षय की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी। साथ ही, पीठ ने अक्षय की वह याचिका भी ठुकरा दी, जिसमें उसने एक फरवरी को तय फांसी पर रोक लगाए जाने की मांग की थी।
निर्भया मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा, ‘मौखिक सुनवाई की अर्जी खारिज की जाती है। मौत की सजा पर रोक का आवेदन भी खारिज किया जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने सुधारात्मक याचिकाएं और संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन किया है। 2002 के रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा और अन्य के मामले में इस अदालत के फैसले में इंगित मानकों के तहत कोई मामला नहीं बनता। इसलिए सुधारात्मक याचिकाओं को खारिज किया जाता है।’
इसी बीच तिहाड़ जेल प्रशासन ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की तैयारी पूरी कर ली है। फरवरी को होने वाली फांसी से पहले जेल अधिकारियों ने शुक्रवार को डमी फांसी दी। निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने वाले पवन जल्लाद गुरुवार को ही तिहाड़ जेल पहुंच गए, जहां उन्हें जेल नंबर 3 का फांसी घर और रस्सियां दिखाई गई।
Comments (0)