Lockdown-4.0 : झारखंड में भी महंगी होगी शराब!, राज्य सरकार कर रही है कोरोना टैक्स लगाने पर विचार,प्रदेश में अब शराब की होगी ऑनलाइन डिलीवरी
लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरूआत के साथ ही झारखंड में भी शराब की दुकानें खुल गई हैं। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी शराब महंगी हो सकती है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार शराब पर अतिरिक्त कोरोना कर लगाने की तैयारी में है। इससे राज्य में शराब 25 प्रतिशत तक महंगी हो सकती है।
लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरूआत के साथ ही झारखंड में भी शराब की दुकानें खुल गई हैं। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी शराब महंगी हो सकती है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार शराब पर अतिरिक्त कोरोना कर लगाने की तैयारी में है। इससे राज्य में शराब 25 प्रतिशत तक महंगी हो सकती है।
दरअसल, झारखंड सरकार भी कोरोना सरचार्ज लगाकर शराब को मैक्सिमम रीटेल प्राइज यानी एमआरपी से अधिक दर पर बेचने की कोशिश में है। उत्पाद विभाग इसको लेकर दूसरे राज्यों में लिए जा रहे कोरोना सरचार्ज के नियमों को देखा रहा है। प्रदेश के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि सरकार शराब की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए अतिरिक्त कर लगाने पर विचार कर रही है। महंगी होने पर लोग इसे कम खरीदेंगे। साथ ही राजस्व की भी प्राप्ति सरकार को होगी।
दरअसल, झारखंड में पहले से ही शराब पर 50 फीसदी वैट लागू है। राज्य सरकार को शराब से हर साल करीब 2000 करोड़ की आमदनी होती है। उत्पाद विभाग ने सोमवार को शराब व्यवसायियों के साथ बैठक भी की है। बैठक के दौरान लॉकडाउन में ऑनलाइन और ऑफलाइन शराब बेचने पर सहमति बनी है।
बैठक के बाद उत्पाद आयुक्त विनय चौबे ने बताया कि एसओपी तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद शराब बिक्री को लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। शराब दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर ही शराब बेचने का निर्देश दुकानदारों को दिया गया है। उन्होंने बताया कि 31 मई तक जितनी शराब उठायी जाएगी, उतने का ही कर देना होगा।
बैठक में शामिल शराब कारोबारियों ने बताया कि सेस तीन भागों में लिया जा सकता है। शराब पर 20, 25 और 30 प्रतिशत तक सेस लगाकर बेचा जा सकता है। ऑनलाइन बिक्री के लिए जोमैटो और स्वीगी को पहले शराब मुहैया कराई जाएगी। दुकान पर मौजूद लोगों से ज्यादा ऑनलाइन डिलीवरी को तवज्जो दी जाएगी।
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