जानें क्या कहा, बंगाल में हिंसा को लेकर अमित शाह ने
14 मई को कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुए हिंसा ने राजनीति में तूफान ला दिया है। एक ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हिंसा का आरोप भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाया है। तो दूसरी ओर, प्रेस कांफ्रेंस कर अमित शाह ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि ‘‘बीजेपी पूरे देश में चुनाव लड़ रही है और टीएमसी केवल 42 सीटों पर। लेकिन कहीं हिंसा नहीं हुई। केवल बंगाल में हर चरण में हिंसा से साफ मतलब है कि हिंसा टीएमसी करवा रही है।’’
14 मई को कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुए हिंसा ने राजनीति में तूफान ला दिया है। एक ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हिंसा का आरोप भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाया है। तो दूसरी ओर, प्रेस कांफ्रेंस कर अमित शाह ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि ‘‘बीजेपी पूरे देश में चुनाव लड़ रही है और टीएमसी केवल 42 सीटों पर। लेकिन कहीं हिंसा नहीं हुई। केवल बंगाल में हर चरण में हिंसा से साफ मतलब है कि हिंसा टीएमसी करवा रही है।’’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ‘‘यदि सीआरपीएफ के जवान ना होते तो उनका बचके निकलना मुश्किल था। टीएमसी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। हिंसा का कीचड़ जितना फैलेगा, कमल उतना खिलेगा।’’
अमित शाह ने आगे कहा कि ‘‘रोड शो से पहले ही वहां लगे बीजेपी के पोस्टर फाड़ दिए गए। रोड शो शुरू हुआ, जिसमें अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ा। इस बीच 3 बार हमले किये गए और तीसरे हमले में तोड़फोड़, आगजनी और बोतल में केरोसिन डालकर हमला किया गया। ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा काॅलेज कैंपस में था और काॅलेज बंद हो चुका था। ऐसे में किसने कमरे खोले। जबकि ताला भी टूटा नहीं है। मतलब साफ है कि काॅलेज में टीएमसी का कब्जा था जिसने यह हिंसा किया।’’
अमित शाह ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में इस मामले की एसआईटी जांच हो।
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