जानें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन चंद्रायन-2 पर क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदा ने वैज्ञानिकों से कहा, 'हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है।
भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की उपलब्धि को देखने और उनका हौसला बढ़ाने हेतु प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी भी बेंगलुरु में इसरो के मुख्यालय पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस ऐतिहासिक लम्हे के गवाह बने। उनके साथ 60 से 70 स्कूली बच्चे भी थे। इन्होंने क्विज प्रतियोगिता के जरिए लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने का मौका हासिल किया।
चंद्रायन-2 के सतह से संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया और इसरो के वैज्ञानियों की हौसला अफजाई की। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक मिशन में आई रुकावटों के कारण अपना दिल छोटा नहीं करें,क्योंकि नई सुबह जरूर होगी।
प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा, 'हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है।
इसरो के मिशन कंट्रोल सेंटर से प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं.' उन्होंने कहा, 'हमें सबक लेना है, सीखना है. हम निश्चित रूप से सफल होंगे। कामयाबी हमारे साथ होगी। '
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम निश्चित रूप से सफल होंगे। इस मिशन के अगले प्रयास में भी और इसके बाद के हर प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ होगी.' उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा, 'आपने पल-पल परिश्रम के साथ इसे आगे बढ़ाया था. आज भले ही कुछ रूकावटें आई हो, लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है बल्कि और मजबूत हुआ है।
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