झारखंड : मुख्यमंत्री रघुवरदास और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा समेत पार्टी के कई अन्य उम्मीदवारों को मिली करारी हार, कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम और एजेएसयू अध्यक्ष ने दर्ज की जीत
झारखंड विधानसभा चुनाव में न सिर्फ बीजेपी को करारी शिकस्त मिली,बल्कि उसके मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे रघुवर दास खुद जमशेदपुर पूर्वी सीट से अपने मंत्रिमंडल सहयोगी रहे बीजेपी के विद्रोही सरयू राय से 16 हजार से अधिक मतों से पराजित हो गए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा समेत कई अन्य उम्मीदवारों को भी मुंहकी खानी पड़ी है।
झारखंड विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश की जनता ने बीजेपी को महज 25 सीटों पर समेट दिया है। झारखंड में न सिर्फ बीजेपी को करारी शिकस्त मिली,बल्कि उसके मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे रघुवर दास खुद जमशेदपुर पूर्वी सीट से अपने मंत्रिमंडल सहयोगी रहे बीजेपी के विद्रोही सरयू राय से 16 हजार से अधिक मतों से पराजित हो गए।
रघुवरदास इससे पहले वह इसी सीट से लगातार पांच बार विजयी रहे थे और 2014 के विधानसभा चुनावों में वह 70,157 मतों से विजयी हुए थे। लेकिन इस चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंपा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्षमण गिलुवा भी अपनी चक्रधरपुर सीट पर हार गए। लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर की सीट जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव से 12,234 मतों से हारे। रघुवर सरकार में मंत्री रहीं लुईस मरांडी समेत बीजेपी के कई अन्य उम्मीदवार भी अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे है।
झारखंड के भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य सभी बड़े दलों के नेता विधानसभा चुनाव में जीतने में सफल रहे हैं। हेमंत सोरेन ने बरहेट और दुमका दोनों सीटों से जीत दर्ज की है। हेमंत ने जहां बरहेट सीट पर बीजेपी के साइमन माल्टो को 25,740 मतों से पराजित किया, वहीं दुमका में भी उन्होंने बीजेपी सरकार में मंत्री रहीं लुईस मरांडी को 13,188 मतों से पराजित कर दिया। 2014 में वह 4914 मतों से लुईस मरांडी से ही चुनाव हार गए थे।
आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन यानी एजेएसयू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने सिल्ली विधानसभा सीट 20,195 मतों के भारी अंतर से जीत लिया है। उन्होंवे जेएमएम की उम्मीदवार सीमा महतो को हराकर उपचुनाव में हार का बदला चुकता किया है। इससे पूर्व 2014 में सीमा के पति जेएमएम के उम्मीदवार अमित महतो ने सुदेश को 29,740 मतों से पराजित किया था।
झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी धनवार सीट से विजयी रहे हैं। उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार लक्ष्मण प्रसाद सिंह को 17,550 मतों से पराजित किया है। वह पिछली बार यहां से चुनाव हार गये थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कांग्रेस के ही पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी के उम्मीदवार सुखदेव भगत को 30,150 मतों से पराजित कर चुनाव जीता है।
दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। 2014 के विधानसभा चुनावों में जहां बीजेपी ने 37 सीटें जीती थीं, वहीं वह इस बार पार्टी सिर्फ 25 पर सिमट गई। बीजेपी की सहयोगी रही एजेएसयू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थी, जबकि इस बार उसने जहां 53 सीटें लड़कर महज दो सीटों पर जीत हासिल की है।
वहीं दूसरी ओर, जेएमएम 30 सीटें हासिल कर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जेएमएम की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने 16 और राष्ट्रीय जनता दल ने 1 सीट पर कब्जा जमाया है। निर्दलीय के खाते में दो सीटें गई हैं। 3 सीटों पर झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक), 1 पर सीपीआई-माले और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी ने एक सीट पर जीत हासिल की है।
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