ईरान ने अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर किया हवाई हमला,80 अमेरिकी सैनिकों की मौत,ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद जारी है तनाव
अमेरिकी हमले में ईरान के सबसे शक्तिशाली सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। तनातनी के बीच ईरान ने अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला कर 80 अमेरिकी सैनिकों को मार गिराया है। सात जनवरी को स्थानीय समयानुसार शाम साढ़े पांच बजे ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बलों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागीं हैं।
अमेरिकी हमले में ईरान के सबसे शक्तिशाली सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। तनातनी के बीच ईरान ने अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला कर 80 अमेरिकी सैनिकों को मार गिराया है। सात जनवरी को स्थानीय समयानुसार शाम साढ़े पांच बजे ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बलों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागीं हैं।
अमेरिका सैन्य ठिकानों पर ईरान के हमले के तुरंत बाद व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया आई। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है और वह स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने ईरान के मिसाइल हमले की पुष्टि करते हुए कहा, 'हम युद्ध में हुए प्रारंभिक नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि बीते दिनों बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। कासिम सुलेमानी पर हमले का आदेश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया था,जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव जारी है। कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने कहा था कि अमेरिका को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।
आपको बताते चलें कि 3 जनवरी 2020 को इराक में बगदाद हवाई अड्डे पर अमेरिकी हवाई हमले में कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद अमेरिका ने अपने इस फैसले को सही बताते हुए कहा कि, 'वह अमेरिकी प्रतिष्ठानों और राजनयिकों पर हमला करने की साजिश रच रहा था.' इसी के साथ यह अमेरिकी सैन्य कर्मियों की रक्षा के लिए निर्णायक रक्षात्मक कार्रवाई है।
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