मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने किए अजमल कसाब से जुड़े कई खुलासे,बीजेपी ने कांग्रेस को कोसा,हिंदू आतंकवाद के नाम पर देश को गुमराह करने की कोशिश का लगाया आरोप
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में लिखा, 'अखबारों में बड़ी बड़ी सुर्खियां बनतीं जिनमें दावा किया जाता कि किस प्रकार हिंदू आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया।' शीर्ष टीवी पत्रकार उसके परिवार और पड़ोसियों से बातचीत करने के लिए बेंगलुरु पहुंच जाते। लेकिन अफसोस, ऐसा नहीं हो सका वह पाकिस्तान में फरीदकोट का अजमल आमिर कसाब था। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई के कांस्टेबल शहीद तुकाराम ओम्बले द्वारा कसाब को जिंदा पकड़ लेने से वह योजना नाकाम हो गयी।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने आतंकवादी अजमल कसाब से जुड़े कई खुलासे किए हैं। सोमवार को प्रकाशित अपनी किताब 'लेट मी से इट नाउ' के माध्यम से राकेश मारिया ने कहा है कि आतंकी अजमल कसाब को हमले से पहले 1.25 लाख रुपये दिए गए थे,जिससे कि वह अपनी बहन की शादी कर सके। अजमल कसाब को पाकिस्तान में यह भी बताया गया था कि भारत में मुस्लिमों को नमाज अता करने की इजाजत नहीं है,लेकिन भारत में मुसलमानों को नमाज अता करता देख वह हैरान हो गया था।
राकेश मारिया ने यह भी दावा किया है कि कसाब शुरू में आतंकी गतिविधियों को लेकर लश्कर-ए-तैयब्बा में शामिल नहीं हुआ था। कसाब लूटपाट के लिए लश्कर में शामिल हुआ था और उसका जिहाद से कोई लेना-देना नहीं था। हालांकि,कसाब को ऐसी शिक्षा दी गई थी,ताकि उसे विश्वास हो कि भारत में मुसलमानों को नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। लेकिन जब कसाब को मेट्रो सिनेमा के पास एक मस्जिद की यात्रा कराई गई,तो वह चौंक गया। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि भारत में मुसलमान नमाज पढ़ते हैं,क्योंकि उसे इसके विपरीत बताया गया था।
राकेश मारिया ने दावा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले को 'हिंदू आतंकवाद' के रूप में पेश करने और पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को बेंगलुरु के समीर चौधरी के रूप में मारे जाने की योजना बनाई थी। अपने संस्मरण में राकेश मारिया ने 26/11 के मुंबई हमले में उनके द्वारा की गई जांच का जिक्र किया। उस हमले की योजना लश्कर ने बनाई थी और उसमें पाकिस्तान का हाथ भी होने का पता चला था।
राकेश मारिया ने यह भी लिखा है कि आईएसआई और लश्कर जेल में ही कसाब को खत्म करने का प्रयास कर रहे थे। क्योंकि वह हमले की कड़ी उन समूहों से जोड़ने वाले प्रमुख सबूत था और दाऊद इब्राहिम के गिरोह को उसे खत्म करने का जिम्मा सौंपा गया था। आतंकवादी संगठन ने आतंकवादियों को भारतीय पते के साथ फर्जी पहचान पत्र भी दिए थे।
मुंबई आतंकी हमले को 'हिंदू आतंकवाद' के रूप में पेश करने की लश्कर की योजना का ब्यौरा देते हुए मारिया ने लिखा, 'यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब चौधरी के रूप में मर जाता और मीडिया हमले के लिए 'हिंदू आतंकवादियों' को दोषी ठहराती। आतंकी हमले के बाद जारी की गई कसाब की एक तस्वीर के बारे में मारिया ने कहा, 'यह केंद्रीय एजेंसियों का काम था। सुरक्षा को देखते हुए मुंबई पुलिस ने पूरी कोशिश की कि मीडिया के सामने किसी विवरण का खुलासा नहीं हो।
तस्वीर में कसाब की दाहिनी कलाई पर लाल रंग का धागा बंधा हुआ था,जिसे पवित्र हिंदू धागा माना जाता है। इस बात ने कई लोगों को यह भरोसा करने के लिए प्रेरित किया कि षडयंत्रकारियों ने 26/11 हमले को 'हिंदू आतंकवाद' के रूप में पेश करने का प्रयास किया था।'
राकेश मारिया ने अपनी किताब में लिखा, 'अखबारों में बड़ी बड़ी सुर्खियां बनतीं जिनमें दावा किया जाता कि किस प्रकार हिंदू आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया।' शीर्ष टीवी पत्रकार उसके परिवार और पड़ोसियों से बातचीत करने के लिए बेंगलुरु पहुंच जाते। लेकिन अफसोस, ऐसा नहीं हो सका वह पाकिस्तान में फरीदकोट का अजमल आमिर कसाब था। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई के कांस्टेबल शहीद तुकाराम ओम्बले द्वारा कसाब को जिंदा पकड़ लेने से वह योजना नाकाम हो गयी।
राकेश मारिया की किताब में खुलासे के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद के नाम पर देश को गुमराह करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा कांग्रेस को साल 2014 औऱ 2019 में भुगतना पड़ा। जनता ने उन्हें पूरी तरह से हराया।
मारिया की किताब पर पीयूष गोयल ने कहा कि ये बातें उन्हें तब बोलनी चाहिए थीं जब वो पुलिस कमिश्नर थे। पीयूष गोयल ने सवाल किया कि मारिया ने ये सब बातें अभी क्यों बोला? बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है।
आपको बताते चलें कि 26 नवंबर, 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की जान गई थी। हमले में 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। आतंकी कसाब जिंदा पकड़ा गया और 21 नवंबर 2012 को फांसी पर लटका दिया गया था।
Comments (0)