देशव्यापी लॉकडाउन के कारण ठहरी जिंदगी के लिए उपहार साबित हो रही है रेल गाड़ियां,आर्थिक एवं सामाजिक रूप से भी आम जनजीवन को आगे बढ़ाने में हो रही हैं मददगार साबित
रेलवे देश भर में फंसे श्रमिकों, छात्रों और तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रहा है और इसी सप्ताह करीब 1,500 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने की संभावना है। श्रमिकों के लिए चली विशेष रेल सेवा जितनी जरूरी है, लगभग उतनी ही जरूरी है यह विशेष एसी रेल सेवा, जो न सिर्फ आर्थिक. बल्कि सामाजिक रूप से भी आम जनजीवन को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है।
भारतीय रेलवे की ओर से चलाई गईं रेल गाड़ियां अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच गई हैं। देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों में फंसे हजारों लोग अपने घर और परिवार के पास पहुंच चुके हैं। लगभग 50 दिनों से बाधित सामान्य रेल सेवा की फिर शुरुआत एक ऐसी खुशखबरी है, जिसका हर किसी को इंतजार था। पहले चरण में राजधानी एक्सप्रेस की तर्ज पर ऐसी वातानुकूलित ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के प्रमुख 15 शहरों को परस्पर जोड़ रही हैं।
रेलवे देश भर में फंसे श्रमिकों, छात्रों और तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रहा है और इसी सप्ताह करीब 1,500 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने की संभावना है। श्रमिकों के लिए चली विशेष रेल सेवा जितनी जरूरी है, लगभग उतनी ही जरूरी है यह विशेष एसी रेल सेवा, जो न सिर्फ आर्थिक. बल्कि सामाजिक रूप से भी आम जनजीवन को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है।
देश में एक बड़ी उद्यमी, पेशेवर, सक्रिय आबादी है, जो लॉकडाउन के कारण ठहर गई है या कहीं फंसी हुई है, ऐसी आबादी के लिए ये विशेष ट्रेनें उपहार साबित हो रही हैं। वास्तव में जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि देश इतने लंबे समय तक के लिए ठहर जाएगा। आने वाले दिनों में भी लॉकडाउन में बहुत छूट की उ्मीद नहीं रखनी चाहिए, लेकिन यह जरूरी है कि लोगों को उनके जरूरी गंतव्य तक पहुंचने दिया जाए।
यह हम सब जानते हैं कि भारत में रेल से बेहतर कोई परिवहन साधन नहीं है, रेल भारत में परिवहन तंत्र की रीढ़ है। भारत में कोरोना संकट से पहले प्रतिदिन 13,000 ट्र्रेनों में 2.3 करोड़ लोग सफर करते थे। ट्रेनों के बाधित होने से करोड़ों लोग जरूरी रेल यात्राओं से भी वंचित हो गए। अब सामान्य रेल सेवा की शुरुआत हो रही गई है, तो इसका अर्थ है, देश में फिर यात्रा की शुरुआत हो रही है।
केंद्र सरकार की योजनानुसार आने वाले दिनों में जरूरत के हिसाब से रेल सेवा धीरे-धीरे बहाल होती जाएगी और यह हर नजरिये से जरूरी भी है। अभी जो विशेष यात्री ट्र्रेनें चलेंगी, वे महंगी होंगी, जिनमें निम्न मध्यवर्ग के लिए सफर आसान नहीं होगा, लेकिन उम्मीद करनी चाहिए कि जल्दी ही ऐसी ट्रेनें भी चलेंगी, जिनमें देश के सामान्य लोग भी पैसे देकर आसानी से सफर कर सकेंगे।
रोजाना चलने वाली इन विशेष ट्रेनों को बीच में कुछ स्टेशनों पर रोकने का इंतजाम भी रेलवे की ओर से किया गया है। अभी जो ट्र्रेनें चली हैं, उनमें यात्रियों को खाने-पीने का इंतजाम स्वयं करना होगा, इसलिए इनमें उन्हीं लोगों को सफर करना चाहिए, जो सक्षम हैं। पूरा किराया अगर रेलवे वसूल रहा है, तो उसे इन ट्र्रेनों में खाने-पीने का इंतजाम भी जल्द ही कर देना चाहिए।
यह भी जरूरी है कि केवल स्वस्थ लोग ही इन ट्र्रेनों में सफर का साहस करें और इसके लिए रेलवे को पुख्ता इंतजाम रखने चाहिए। कोई भी यात्री बिना जांच के सफर न कर सके और स्टेशन पर सभी यात्री समय से कम से कम एक घंटा पहले पहुंचें और अपनी पूरी जांच करवाएं। ध्यान देने की बात यह भी है कि इन ट्रेनों में फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए बीच-बीच में बर्थ खाली नहीं रहेंगे।
इन ट्रेनों के यात्रियों के लिए भी ऐसी यात्रा दोहरी परीक्षा की घड़ी होगी। उन्हें अपने साथ-साथ अपने साथी यात्रियों को भी सुरक्षित रखना होगा। ध्यान रहे, रेल यात्री जितना अच्छा व्यवहार करेंगे, सामान्य रेल सेवा की उतनी ही जल्दी बहाली होगी। तय है, आने वाले दिनों में जो भी सेवाएं बहाल होंगी, उन्हें सुचारु रखने की ज्मिेदारी हम सजग नागरिकों पर होगी।
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