Corona Update : जानिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों की क्यों की प्रशंसा? राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन पर क्या रखी राय,क्या दिए सुझाव और क्या किया आग्रह?
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ करीब छह घंटे तक चर्चा की। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री राज्यों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन पर जरूरत के हिसाब से फैसले बदलने पड़े हैं। लॉकडाउन में ढील के बाद हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि गांवों में कोरोना संकट ना पहुंचे। हमें इसे सुनिश्चित करना ही होगा।
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ करीब छह घंटे तक चर्चा की। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री राज्यों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन पर जरूरत के हिसाब से फैसले बदलने पड़े हैं। लॉकडाउन में ढील के बाद हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि गांवों में कोरोना संकट ना पहुंचे। हमें इसे सुनिश्चित करना ही होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया कोरोना संकट से निपटने के लिए भारत के उठाए गए कदमों की चारों ओर तारीफ हो रही है। इसमें राज्यों ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है। दो गज दूरी की बात दोहरता हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे कारगर हथियार है। दो गज की दूरी कम हुई तो संकट बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि आप सभी के सुझावों से दिशा-निर्देश निर्धारित होंगे। इस बीच जहां पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है, तो गुजरात इसके पक्ष में नहीं है। पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन में छूट नहीं देने की अपील की है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टर अमरिंदर सिंह ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी बचानी जरूरी है, तीन महीने के लिए वित्तीय मदद दी जाए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से लॉकडाउन के दौरान लोगों के जीवनयापन और जिंदगियों को सुरक्षित करने के लिए एक उचित एग्जिट स्ट्रेटजी बनाने की मांग भी की है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को कहा कि प्रदेशों के अंदर ग्रीन,ऑरेंज और रेड जोन तय करने का अधिकार राज्य सरकारों को ही होना चाहिए। केंद्र सरकार को नेशनल टेस्टिंग स्ट्रेटजी तैयार करनी चाहिए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से राज्यों के लिए 3 महीने तक रेवेन्यू ग्रांट देने की मांग भी की है। इसके अलावा राज्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज और फिस्कल ऐड की भी मांग की है,ताकि राज्य अपने दायित्वों की कम से कम 33 फीसदी की पूर्ति इसके सहयोग से कर सकें।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद बड़ी संख्या में राज्य में आने वाले लोगों से कोराना संकट और गहरा सकता है। लॉकडाउन को इस महीने की आखिर तक बढ़ाने की अपील करते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि इससे बिहार में आ रहे लोगों को संभालने में सहूलियत होगी। इसके साथ ही उन्होंने सलाह दी है कि फिलहाल ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया जाए। नीतीश कुमार ने कहा कि 4 मई से राज्य में अबतक एक लाख लोग आए हैं। 19 हजार लोगों की रैंडम टेस्टिंग की गई है।
नीतीश कुमार ने कहा कि हमें टेस्टिंग सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है। हम हर तरह की परिस्थितियों के लिए खुद को पंचायत स्तर पर तैयार कर रहे हैं। हम कोरोना जांच में केंद्र सरकार से भी मदद चाहते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन को इस महीने के आखिर तर बढ़ाया जाए ताकि जो लोग भी अन्य राज्यों से आर रहे हैं उन्हें क्वारंटाइन किया जा सके और वे रिकवर हो सकें। उन्होंने कहा कि पूर्व रेल मंत्री के तौर पर मैंने सलाह दी है कि फिलहाल ट्रेन परिचालन को रोक दिया जाए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन बढ़ाए बिना आगे बढ़ना मुमकिन नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मामले मई में शिखर पर पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा, मैंने पढ़ा है कि वुहान ने फिर से केस आने लगे हैं। मेरी सलाह है कि लॉकडाउन पर कोई फैसला काफी सावधानी से लिया जाए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि ग्रीन जोन में उद्योगों को मंजूरी मिलनी चाहिए। इसके साथ ही जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए लोकल ट्रेन चलनी चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में जीएसटी रिटर्न जल्दी मिलना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पैसेंजर ट्रेन चलाने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा है। के. चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री से रेल गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि ट्रेन सेवा की शुरुआत होने पर कोरोना संक्रमण फैल सकता है और स्क्रीनिंग करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा, “हम पूरी तरह से स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। ट्रेन सेवा की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार पर्याप्त रणनीति तैयार करे और ट्रेन सेवा को रोका जाना चाहिए।”
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि राज्य में करीब 30 हजार लोगों को अतिसंवेदनशील मानकर उनकी जांच की गई है। उन्होंने कहा, “हमें हालात सामान्य करने कर इस कलंक के धब्बे को खत्म करने की जरूरत है। कोरोना पॉजिटिव परिवार सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं। हमने लोगों से यह अपील की है कि वे सेल्फ आइसोलेशन के लिए आगे आएं। हमें लोगो को वैक्सीन के तैयार होने तक इस कोरोना वायरस के साथ जीने के लिए तैयार करना होगा। हमें वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक तौर पर जागरूक करना होगा। हमें लोगों में यह डर खत्म करना होगा और यह बताना होगा कि 95 फीसदी तक इसका उपचार संभव है।”
कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक तरफ जहां कई राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है, तो गुजरात के मुख्यमंत्री इसके पक्ष में नहीं हैं। गुजरात लॉकडाउन को अब और बढ़ाना नहीं चाहता है। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को कंटेनमेंट जोन तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। सुरक्षात्मक उपायों के साथ आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के साथ ही और गर्मी छुट्टी के बाद स्कूल-कॉलेजों को खोलने और सार्वजनिक परिवहन को धीरे से शुरू करना चाहिए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रेड ज़ोन और कंटेंनमेंट एरिया में लॉकडाउन जारी रहे, जबकि बाकी जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियां शुरू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां ढील दी जाए वहां सुबह 7 से शाम 7 बजे तक गतिविधियां हों। उत्सव, धार्मिक, सामाजिक कार्य्रकम पर अभी प्रतिबंध जारी रहे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार संघीय ढांचा बनाए रखे। कोरोना से संकट के समय में राजनीति ठीक नहीं है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों के सुझावों के आधार पर आगे के दिशा-निर्देश निर्धारित होंगे, तो वहीं ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे वक्त में केंद्र को राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्य अच्छा काम कर रहा है। केंद्र को समझना चाहिए कि बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। ऐसे में ट्रेनों को शुरू करना ठीक नहीं है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार जो भी फैसला करेगी राज्य सरकार उसके साथ है। अशोक गहलोत ग्रीन जोन में गतिविधियों को सामान्य करने के पक्ष में नजर आए। उन्होंने कहा कि रेड जोन के लोगों को ग्रीन या ऑरेंज जोन में जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के अंदर आर्थिक गतिविधियों के संचालन के निर्णय का अधिकार राज्य सरकार को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन के निर्धारण का दायित्व राज्य सरकारों को दिया जाना चाहिए। रेगुलर ट्रेन और हवाई सेवा, अंतरराज्यीय बस परिवहन की शुरुआत राज्य सरकारों से विचार विमर्श करके की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मनरेगा में 200 दिनों की मजदूरी दी जाए। इसके अलावा राहत और कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के लिए 30 हजार करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
तमिलनाडु के मुख्य्मंत्री पलानीस्वालमी ने राज्य में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या का हवाला देते हुए कहा कि 31 मई तक रेग्युलर ट्रेन और हवाई सेवा शुरू ना की जाए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो कोरोना वायरस का संक्रमण और तेजी फैल सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य का बकाया जीएसटी भी जल्दी क्लियर करने का अनुरोध किया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनहोरलाल खट्टर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और जीडीपी में हरियाणा अपना पूर्ण योगदान देगा। गेहूं की अच्छी पैदावार हुई है। सरकार किसानों को फसल बीमा कराने की अनुमति दे। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल ने लॉकडाउन को दो हफ्ते और बढ़ाने की पेशकश की है। केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए उन्हें लॉकडाउन से संबंधित दिशा-निर्देशों में उचित बदलाव करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कंटेंनमेंट जोन को छोड़कर पूरी दिल्ली में आर्थिक गतिविधियां शुरू होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि अभी पूरी दिल्ली रेड जोन है। लिहाजा, जिलेवार रेड जोन में छूट दी जाए और सिर्फ कंटेनमेंट जोन को रेड जोन में लाया जाए और बाकी दिल्ली को ग्रीन जोन घोषित किया जाए।
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