Corona Effect: अप्रवासी बिहारियों को दिल्ली स्थित बिहार भवन में मिल रही है हर संभव मदद,बनाया गया है नियंत्रण कक्ष,बिहार सरकार ने जारी किए हैं तीन हेल्पलाइन नंबर्स
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने इसके लिए दिल्ली के बिहार भवन में स्थानीय आयुक्त की देखरेख में हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है। बिहार भवन में नियंत्रण कक्ष में जारी हेल्पलाइन नंबर- 011-23792009, 011-23014326, 011-23013884 है। इन नंबरों पर कॉल करके अप्रवासी बिहारी अपनी समस्या को रख रहे हैं और प्रशासन की ओर से उनको हर संभव मदद भी मिल रही है।
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। यातायात के सभी साधन बंद हैं। लोगों को कहीं भी आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन की वजह से एक राज्य के लोग,दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। कुछ ऐसा ही हाल रोजी-रोटी की खोज में गए लोखों बिहारवासियों का भी है। बिहार के बाहर फंसे बिहारवासियों की परेशानी को दूर करने के लिए बिहार सरकार की ओर से कोशिशें जारी है।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने इसके लिए दिल्ली के बिहार भवन में स्थानीय आयुक्त की देखरेख में हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है। बिहार भवन में नियंत्रण कक्ष में जारी हेल्पलाइन नंबर- 011-23792009, 011-23014326, 011-23013884 है। इन नंबरों पर कॉल करके अप्रवासी बिहारी अपनी समस्या को रख रहे हैं और प्रशासन की ओर से उनको हर संभव मदद भी मिल रही है।
फोन करने वाले लोग बिहार के बाहर हर राज्य में रहने वाले हैं, जिन्हें भोजन से लेकर दवा तक की व्यवस्था कराने की कोशिश की जा रही है। बिहार भवन की तरफ से ऐसे लोगों की सहायता के लिए संबंधित राज्य के मुख्य सचिव, उस राज्य के जिला प्रशासन समेत संबंधित अधिकारियों को सूचित किया जा रहा है।
हालांकि इस काम में उन्हें कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों से हेल्पलाइन नंबर व्यस्त होने की शिकायतें भी मिलीं हैं। बिहार भवन के अधिकारियों का दावा है कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फंसे हुए बिहार के लोगों की सहायता की जा रही है। इसमें कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें विपरीत हालात में भी उनके घर जाने की व्यवस्था की गई है।
बिहार भवन में तैनात अधिकारियों ने बताया कि बिहार के पूर्णिया स्थित रघुनाथपुर के निवासी नीरज ठाकुर, जो दिल्ली में कार्यरत हैं, उनकी दादी का निधन 29 मार्च को हो गया था। नीरज ठाकुर ने दिल्ली के बिहार भवन जाकर स्थानिक आयुक्त से संपर्क किया,जिससे लॉकडाउन के दौरान भी उनके पिता और परिवार वाले घर जाकर अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके। इसके बाद जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए उनके बिहार जाने की व्यवस्था की गई।
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