सुनील जाखड़ के समर्थन में आए कांग्रेसी नेता, पंजाब कांग्रेस में बढ़ेगी तकरार, पार्टी के नोटिस पर उठाए सवाल
कांग्रेस आलाकमान द्वारा पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के एक दिन बाद, पार्टी के कई नेताओं ने इस कदम पर सवाल उठाया है। जाखड़ को पार्टी नेताओं के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान देने और पंजाब सीएलपी नेता का फैसला करते समय नेतृत्व की सोच को सांप्रदायिक आधार पर जिम्मेदार ठहराने के लिए नोटिस जारी किया गया था।
कांग्रेस आलाकमान द्वारा पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के एक दिन बाद, पार्टी के कई नेताओं ने इस कदम पर सवाल उठाया है। जाखड़ को पार्टी नेताओं के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान देने और पंजाब सीएलपी नेता का फैसला करते समय नेतृत्व की सोच को सांप्रदायिक आधार पर जिम्मेदार ठहराने के लिए नोटिस जारी किया गया था।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देने तथा पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करने का आरोप है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव रमिंदर सिंह आवाला पार्टी के वरिष्ठ सुनील जाखड़ के समर्थन में उतर आए हैं। जाखड़ पर पार्टी को कमजोर करने के आरोपों पर रमिंदर सिंह ने कहा: "एक्शन लेने वाले उस वक्त कहां थे जब सुनील जाखड़ को सीएम बनाने के लिए 42 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ था। पार्टी हाईकमान को ऐसा कदम उठाने स बचना चाहिए।"
अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक नोटिस की निंदा करते हुए, आवाला ने पार्टी आलाकमान से "ऐसी कार्रवाई से दूर रहने का अनुरोध किया जो पंजाब में पार्टी के निर्माण के लिए हानिकारक हो।" विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में नेतृत्व के खिलाफ बोलने वाले अन्य पीसीसी नेताओं के खिलाफ संभावित कार्रवाई से अब पार्टी हलकों में हलचल मच गई है।
पार्टी सांसद जसबीर सिंह गिल ने पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी के खिलाफ बयान दिया। कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह ने तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की आलोचना की। बस्सी पठाना प्रत्याशी जीपी सिंह ने पूर्व सीएम चन्नी के खिलाफ खुलकर बयान दिया। पंजाब कांग्रेस में चल रही बयानबाजी ने पार्टी आलाकमान के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
रिपोर्ट की मानें तो कांग्रेस उन सभी नेताओं को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है जिन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के फैसलों पर सवाल खड़े किए। इसके अलावा पार्टी उन नेताओं पर भी एक्शन ले सकती है तो अब भी पार्टी के फैसलों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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