छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती,संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा 2008 में बनाया था कानून

कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय जाच एजेंसी कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून, 2008 यानी एनआईए एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया है। छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून को चुनौती देने वाली पहली राज्य सरकार है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती,संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा 2008 में बनाया था कानून
Pic of Congress President Sonia gandhi and Chhatishgarh Chief Minister Bhupesh Baghel
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती,संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा 2008 में बनाया था कानून
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती,संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा 2008 में बनाया था कानून

कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय जाच एजेंसी कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून, 2008 यानी एनआईए एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया है। छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून को चुनौती देने वाली पहली राज्य सरकार है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने अनुच्छेद 131 के तहत यह वाद दायर किया है। अनुच्छेद 131 के अंतर्गत केंद्र के साथ विवाद के मामले में राज्य सीधे उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है। अपनी याचिका में सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून संविधान के अनुरूप नहीं है और यह संसद के विधायी अधिकार क्षेत्र से बाहर है, क्योंकि यह कानून राज्य पुलिस द्वारा की जाने वाली जांच के लिए केंद्र एक जांच एजेंसी के सृजन का अधिकार देता है, जबकि यह संविधान की सातवीं अनुसूची के अंतर्गत राज्य का विषय है। 

अधिवक्ता सुमेर सोढी के माध्यम से दायर वाद में कहा गया है कि मौजूदा स्वरूप में एनआईए कानून न सिर्फ पुलिस के माध्यम से जांच कराने का (राज्य) अधिकार छीनता है,बल्कि यह केंद्र को 'निरंकुश, स्वंय निर्णय लेने का मनमाना अधिकार' देता है। याचिका में यह भी कहा गया है कि इन अधिकारों के इस्तेमाल के बारे में कोई नियम नहीं है,जिसकी वजह से केंद्र सरकार को किसी भी समय कोई कारण बताए बगैर ही इसके अधिकारों के इस्तेमाल की छूट देता है।

राज्य सरकार का कहना है कि एनआईए कानून के प्रावधानों में तालमेल के लिए  या केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार से किसी भी प्रकार की सहमति लेने के बारे में कोई व्यवस्था नहीं है,जो निश्चित ही संविधान में प्रदत्त राज्य की सार्वभौमिकता के खिलाफ है।

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून, 2008 देश की सार्वभौमिकता,सुरक्षा और अखंडता, दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रभावित करने वाले अपराधों और अंतरराष्ट्रीय संधियों, समझौतों, संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेन्सियों के प्रस्तावों को लागू करने के लिए बने कानूनों के दायरे में आने वाले अपराधों की जांच और कानूनी कार्यवाही के लिए बनाया गया था।