सावधान! जहरीली हो चुकी है दिल्ली, यहां आना नहीं है खतरे से खाली, श्वास की बीमरी से हैं परेशान,तो दिल्ली से करें परहेज!
अगर आप दिल्ली में नहीं रहते और किसी काम को लेकर आपका दिल्ली आने का कार्यक्रम है, तो आप एक बार फिर से सोच लें। बहुत जरूरी काम ना हो तो अपने दिल्ली आने के प्रोग्राम को कुछ दिनों के लिए टाल दें, क्योंकि दिल्ली की हवा इन दिनों बेहद खतरनाक और जहरीली हो चुकी है। यहां लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर छायी जहरीली धुंध की चादर शुक्रवार को सुबह और गहरी हो गई। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। ऐसा एयर क्वालिटी इंडेक्स के तहत दर्ज किए गए आंकड़े बता रहे हैं। सरकार की आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक लोधी रोड एरिया में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों की मात्रा 500 तक दर्ज की गई है, जो ये बताता है कि दिल्ली की हवा कितनी प्रदूषित और खरतनाक खतरनाक है।
वास्तव में लगातार तीसरे दिन भी गहरी मोटी धुंध की परत जमी हुई हैं। दिल्ली सरकार ने राजधानी के पांच ऐसे इलाकों की पहचान की है,जो बढ़ते प्रदूषण के खतरनाक स्तर हैं। ये इलाके आनंद विहार, अशोक विहार, वजीरपुर, विवेक विहार और बवाना हैं। इन इलाकों में खास तौर पर प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए कार्रवाई तेज करने के आदेश जारी किए गए हैं। मायापुरी, ओखला, गुरुग्राम का उद्योग विहार, गाजियाबाद में साहिबाबाद और फरीदाबाद भी प्रदूषण के मामले में खतरे के निशान पर हैं।
राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार की सुबह साढ़े आठ बजे 459 था, जो गुरुवार की रात आठ बजे 410 दर्ज किया गया था। दिल्ली में स्थित सभी 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली का एक्यूआई 'बेहद गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया। बवाना सर्वाधिक प्रदूषित इलाका रहा जहां एक्यूआई 497 दर्ज किया गया। इसके बाद 487 एक्यूआई के साथ दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी दूसरे नंबर पर रहा। वजीरपुर में एक्यूआई 485, आनंद विहार में 484 और विवेक विहार में 482 दर्ज किया गया।
देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर गाजियाबाद में पीएम 2.5 का स्तर 493 रहा। ग्रेटर नोएडा (480), नोएडा (477) और फरीदाबाद (432) में भी हवा में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहा। एक्यूआई जब 0-50 होता है तो इसे ''अच्छी श्रेणी का माना जाता है। 51-100 को ''संतोषजनक, 101-200 को ''मध्यम, 201-300 को ''खराब, 301-400 को ''अत्यंत खराब, 401-500 को ''गंभीर और 500 से ऊपर एक्यूआई को ''बेहद गंभीर एवं आपात श्रेणी का माना जाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक इस वर्ष जनवरी के बाद से गुरुवार की रात पहली बार एक्यूआई 'बेहद गंभीर और 'आपात श्रेणी में पहुंच गया। वहीं ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की, पांच नवंबर तक निर्माण कार्यों और पूरी ठंड के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच वायु प्रदूषण पर निगरानी करने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था ‘सफर' ने साफ किया है कि आने वाले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ की हवा से प्रदूषित दिल्ली को कुछ राहत मिल सकती है।
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