महाराष्ट्र और झारखंड में झटके के बाद बीजेपी सतर्क,बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन बनाने को लेकर पार्टी संजीदा, सीट बंटवारे पर नहीं बिगड़ेगी बात
बिहार में विधानसभा का चुनाव इस साल के मध्य में होना है। लेकिन तमाम दलों ने तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। विशेषकर बीजेपी इस साल होने वाले दिल्ली और बिहार के चुनावों को लेकर बेहद सतर्क है। बीते साल महाराष्ट्र और झारखंड में मिले झटके के बाद बीजेपी दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी में होने हैं, तारीखों का ऐलान आज संभव है। चुनाव आयोग आज दोपहर 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो जाएगा। उधर,बिहार विधानसभा चुनाव मे अभी देरी है। बिहार में विधानसभा का चुनाव इस साल के मध्य में होना है। लेकिन तमाम दलों ने तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। विशेषकर बीजेपी इस साल होने वाले दिल्ली और बिहार के चुनावों को लेकर बेहद सतर्क है। बीते साल महाराष्ट्र और झारखंड में मिले झटके के बाद बीजेपी दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती।
दरअसल, बिहार में भारतीय जनता पार्टी,जनता दल युनाइटेड के साथ गठबंधन सरकार का हिस्सा है। महाराष्ट्र के झटके के बाद बीजेपी यहां पर गठबंधन को लेकर बेहद संजीदा है और सीटों के बंटवारे से लेकर मुख्यमंत्री पद को लेकर भी वह सारी स्थिति पहले ही साफ कर देना चाहती है। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यह साफ भी कर चुके हैं कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और नाताश कुमार ही बिहार में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे।
बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में जनता दल युनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस गठबंधन के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा के साथ चुनाव मैदान में थी। हालांकि तब और अब तक हालात बदल चुके हैं। नीतीश कुमार बीजेपी के खेमे में लौट आए हैं। बीजेपी और जेडीयू एक बार फिर एक साथ चुनाव मैदान में होंगे।
लोकसभा चुनावों के समय ही दोनों दलों में काफी कुछ तामलेल की स्थिति साफ हो चुकी थी,लेकिन अब बीजेपी महाराष्ट्र और झारखंड की झटके के बाद अन्य मुद्दे भी पहले से ही सार्वजनिक कर चुनाव मैदान में जाएंगे। बीजेपी वहां पर किसी तरह का नया प्रयोग नहीं करेगी, बल्कि मजबूत गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी।
बताया जा रहा है कि सीटों को लेकर दोनों दलों में लगभग बराबर की स्थिति रह सकती है, लेकिन चुनाव में गठबंधन का चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। इससे फिर से सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनने का कोई विवाद न हो सके। सहयोगी दल एलजेपी को भी दोनों दल मिलकर सीटें देंगे। जेडीयू की तरफ से ज्यादा सीटों की मांग को लेकर बीजेपी ज्यादा चिंतित भी नहीं है। जरूरी हुआ तो कुछ सीटें जेडीयू को ज्यादा देने में उसे कोई गुरेज भी नहीं होगा।
आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र मे बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंघन था। दोनों दलों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन मुख्यमंत्री पद को ल्कर पेंच फंस गया। दोनों दलों के नेताओं के बीच खूब जद्दोजहद हुई। एक दूसरे पर किचड़ उछाले गए और अंततः शिवससेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।
झारखंड में भी बीजेपी का इस बार ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन के साथ सीटों पर बात नहीं बन सकी। लिहाजा,दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरी,जिसका खामियाजा उन्हें हार के रूप में चुकाना पड़ा। बिहार में जेडीयू और एलजेपी जैसी सहयोगी दलों ने भी झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ अपने-अपने उम्मीदवार उतारे,जिसकी वजह से भी बीजेपी को नुकसान का सामना करना पड़ा।
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