Bandra Migrant Crisis : पुलिस हिरासत में भेजा गया विनय दुबे ,बांद्रा स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भीड़ जुटाने का है आरोपी
मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों को गुमराह कर इकट्ठा करने वाले आरोपी विनय दुबे को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। स्थानीय अदालत ने उसे 21 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा है। इससे पहले पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया,जहां से उसे पुलिस कस्टडी में भेजने का फैसला सुनाया गया।
मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों को गुमराह कर इकट्ठा करने वाले आरोपी विनय दुबे को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। स्थानीय अदालत ने उसे 21 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा है। इससे पहले पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया,जहां से उसे पुलिस कस्टडी में भेजने का फैसला सुनाया गया।
मुंबई पुलिस का मानना है कि आरोपी विनय दुबे ने ही प्रवासी मजदूरों को उकसाया, जिसकी वजह से मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर मंगलवार की शाम जनसैलाब उमड़ पड़ा और फिर स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
दरअसल, प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर विनय एक तरह से अभियान चला रहा था। उसके फेसबुक और ट्विटर अकाउंट खंगालने पर पता चलता है कि वह कई दिनों से इससे संबंधित पोस्ट कर रहा था। 13 अप्रैल को भी उसने एक पोस्ट डाला, जिसमें केंद्र और उत्तर भारत की राज्य सरकारों को चेतावनी दी कि अगर 18 अप्रैल तक दूसरे राज्यों के लोगों को घर पहुंचाने का प्रबंध नहीं हुआ,तो वह देशव्यापी आंदोलन करेगा।
विनय दुबे ने एक दिन पहले एक और वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह आरोप लगाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों की जिंदगी के बारे में बिना सोचे देश में लॉकडाउन का फैसला लिया है। विनय ने 14 अप्रैल के बाद रेलवे को चालू करने का आग्रह किया, ताकि मजदूर अपने घरों को वापस लौट सकें। वीडियो में वह अपना नंबर भी शेयर करता है और लोगों को जाने के लिए इस पर सूचना देने की अपील करता है।
बताया जा रहा है कि आरोपी निजी जिंदगी में इंजीनियर बनना चाहता था। मगर अब उस पर समाज का दुश्मन होने का आरोप है। वह खुद और उसके परिवार वाले भी यह समझ नहीं पा रहे हैं। एक समय था जब उसने गरीब-मजदूरों के हक के लिए सिस्टम से दो-दो हाथ करने की तमन्ना मन में पाली थी।
उत्तर प्रदेश में भदोही जिले के औराई क्षेत्र के हरिनारायणपुर गांव निवासी जटाशंकर दुबे के पहले पुत्र विनय की जिंदगी में कुछ कर गुजरने की हसरत उसके होश संभालते ही दिखने लगी थी। यही वजह थी कि 2012 में वाराणसी शहर उत्तरी क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव एनसीपी के टिकट पर लड़ा था।
सफलता नहीं मिली तो पार्टी छोड़कर महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय महापंचायत नाम से स्वयंसेवी संगठन बनाकर समाजसेवा में जुट गया। लेकिन, राजनीतिक से मोहभंग अब भी नहीं हुआ था। लिहाजा, महज सोशल मीडिया के फैन फॉलोअर्स के बूते पिछले लोकसभा चुनाव में मुंबई के कल्याण सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गया, मगर फिर हार का सामना करना पड़ा।
Comments (0)