'हमने तो पहले ही चेतावनी दी थी': 'सबसे बड़े बैंकिंग धोखाधड़ी' पर बोली कांग्रेस,: एबीजी शिपयार्ड स्कैम
देश के इतिहास में कथिततौर पर अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड सामने आया है। इस मामले में सीबीआई ने देश की जानी मानी शिप कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। भारत की बड़ी निजी शिपिंग कंपनियों में एक एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड पर 28 बैंकों से कथित तौर पर 22842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
देश के इतिहास में कथिततौर पर अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड सामने आया है। इस मामले में सीबीआई ने देश की जानी मानी शिप कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। भारत की बड़ी निजी शिपिंग कंपनियों में एक एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड पर 28 बैंकों से कथित तौर पर 22842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड और उसके पूर्व अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल पर भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ को 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में बुक किया है। रिपोर्ट्स की मानें तो देश में बैंक धोखाधड़ी का ये अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी है।
इस मामले में कांग्रेस ने रविवार को मोदी सरकार पर सवाल उठाया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने हाल के वर्षों में सभी बैंक धोखाधड़ी के मामलों की गिनती करते हुए कहा कि अब बैंक डिफॉल्टरों की लंबी सूची में ऋषि अग्रवाल भी शामिल हैं जिसमें नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी, विजय माल्या, जतिन मेहता, चेतन संदेसरा आदि पहले से ही हैं।
मोदी सरकार पर कांग्रेस का प्रहार
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 में सार्वजनिक रूप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और सरकार को चेतावनी दी थी कि एबीजी शिपयार्ड एक घोटाला है। यह पूछे जाने पर कि एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार को पांच साल क्यों लगे, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 2007 में एबीजी शिपयार्ड को गुजरात सरकार द्वारा 1,21,000 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई थी जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे।
सीबीआई ने दर्ज किया केस:
सीबीआई ने एक बयान में कहा कि शनिवार को, सीबीआई ने सूरत, भरूच, मुंबई और पुणे में 13 स्थानों पर तलाशी ली, जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक ने पहली शिकायत 8 नवंबर, 2019 को दायर की थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने अधिक विवरण मांगा था और शिकायतकर्ता कथित तौर पर धोखाधड़ी के समय, तौर-तरीकों आदि जैसे विवरणों देने से चूक गई। बैंक ने फिर अगस्त 2020 में एक नई शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत की जांच के बाद, सीबीआई ने 7 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की।
क्या है घोटाले का मामला:
कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 7.5 वर्षों में, 5 लाख 35,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी हुई है, जो लोगों का पैसा है। एबीजी शिपयार्ड जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत में लगी एबीजी समूह की प्रमुख कंपनी है। कंपनी को 28 बैंकों से ₹2468.51 करोड़ की ऋण सुविधा स्वीकृत की गई थी। 2012-17 के बीच, कंपनी के प्रमोटरों ने कथित तौर पर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें फंड का डायवर्जन, हेराफेरी और आपराधिक विश्वासघात शामिल है। जुलाई 2016 में ऋण खाते को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति और 2019 में धोखाधड़ी घोषित किया गया था।
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