लोकसभा में पास हुआ SPG अधिनियम संशोधन विधेयक,अब सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके परिजनों को मिलेगी एसपीजी सुरक्षा, नाराज कांग्रेस ने सदन से किया वाकआउट
लोकसभा में एसपीजी संशोधन बिल ध्वनिमत से पास हो गया है। कांग्रेस के वाकआउट के बीच विशेष सुरक्षा समूह यानी एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई। संशोधन विधेयक में प्रधानमंत्री और उनके साथ निवास करने वाले उनके निकट परिवार के सदस्यों को ही एसपीजी सुरक्षा का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा में एसपीजी संशोधन बिल ध्वनिमत से पास हो गया है। कांग्रेस के वाकआउट के बीच विशेष सुरक्षा समूह यानी एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई। संशोधन विधेयक में प्रधानमंत्री और उनके साथ निवास करने वाले उनके निकट परिवार के सदस्यों को ही एसपीजी सुरक्षा का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सहित विपक्ष सदस्यों की उन चिंताओं को बेबुनियाद बताया, जिसमें कहा गया था कि गांधी परिवार की सुरक्षा के संबंध में राजनीति के तहत काम किया गया है।
अमित शाह ने कहा, ‘‘ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सुरक्षा हटाई नहीं गई है। सुरक्षा बदली गई है। उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है।’’
गृहमंत्री ने कहा कि 'चंद्रशेखर जी की सुरक्षा ले ली गई कोई कांग्रेस कार्यकर्ता कुछ नहीं बोले, नरसिम्हरा राव की सुरक्षा चली गई, किसी ने चिंता नहीं दिखाई। इंद्र कुमार गुजराल की सुरक्षा हत्या की धमकी के बाद वापस ली गई। चिंता किसकी है, देश के नेतृत्व की या एक परिवार की?'
अमित शाह ने कहा, ‘‘ एक इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि एसपीजी कानून को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है। यह वास्तविकता नहीं है। ’’कांग्रेस सदस्यों के आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा ‘‘ डॉ. मनमोहन सिंह जी की सुरक्षा बदली गई। तब भी किसी ने हल्ला नहीं किया। जबकि नरसिंह राव, मनमोहन सिंह तो कांग्रेस पार्टी के ही थे।’’
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने सवाल किया, ‘‘ चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की?’’उन्होंने कहा ‘‘इनको केवल एक परिवार की चिंता है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि गांधी परिवार के एक भी सुरक्षाकर्मी की संख्या कम नहीं की गई है।’’ मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। इसके बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी।
आपको बताते चलें कि प्रतिष्ठित एसपीजी कमांडो देश के प्रधानमंत्री, उनके परिजनों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के करीबी सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते रहे हैं। सुरक्षा संबंधी खतरों के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि अधिनियम में भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों या उनके कुटुंब के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा की व्यवस्था करने की कोई अवधि निश्चित नहीं की गई है। इसलिए ऐसे व्यक्तियों की संख्या काफी अधिक हो सकती है जिन्हें एसपीजी सुरक्षा दी जानी है।
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