आत्मनिर्भर भारत पैकेज : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया 20 लाख 97 हजार 053 करोड़ रुपए का पूरा लेखा-जोखा,जानिए, किस सेक्टर को कितना मिला?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का पूरा हिसाब दिया। इस पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को की थी। पैकेज के अंदर इस घोषणा से पहले जारी किए जा चुके पैकेज भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद वित्त मंत्री ने बुधवार से रविवार तक हर दिन अलग-अलग सेक्टर के लिए पैकेज और सुधारों की घोषणा कर रही थीं। रविवार को इसका पांचवां और आखिरी चरण था।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का पूरा हिसाब दिया। इस पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को की थी। पैकेज के अंदर इस घोषणा से पहले जारी किए जा चुके पैकेज भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद वित्त मंत्री ने बुधवार से रविवार तक हर दिन अलग-अलग सेक्टर के लिए पैकेज और सुधारों की घोषणा कर रही थीं। रविवार को इसका पांचवां और आखिरी चरण था।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लगातार 5 दिनों तक इस आर्थिक राहत पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। इस राहत पैकेज के तहत केंद्र हर स्तर पर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कई तरह के कदम उठाने का ऐलान किया है।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, पावर डिस्कॉम्स और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए कई प्रमुख ऐलान किए गए हैं। बिजली वितरण कंपनियों के लिए सरकार ने 90,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी प्रदान करने का ऐलान किया गया। इससे इन कंपनियों को मौजूद वित्तीय संकट से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने नॉन-सैलरी पेमेंट्स पर TDS और TCS में 25 फीसदी तक कटौती करने का ऐलान किया है। हालांकि, वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कॉन्ट्रैक्ट पेमेंट, ब्याज, किराया, डिविडेंड और कमीशन या ब्रोकरेज पर भी यह लागू होगा। उन्होंने कहा कि इस कटौती के बाद लोगों के हाथ में 50 हजार करोड़ रुपये बच सकेंगे। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख को भी 30 नवंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज की दूसरी किस्त में सरकार ने प्रवासी मजदूरों, रेहड़ी लगाने वालों, छोटे कारोबारियों, छोटे और मांत किसानों और स्वरोजगार वाले लोगों के लिए ऐलान किए है। सरकार ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के लिए मुफ्त में दो महीने तक अनाज की आपूर्ति की जाएगी। देशभर में वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना के तहत किसी भी राज्य के पीडीसी सेंटर से अनाज प्राप्त किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी क्षेत्रों में गरीबों के रहने के लिए किफायती किराये पर रहने के लिए घर मुहैया कराया जाएगा। देशभर के करीब 50 लाख रेहड़ी और फेरी वालों के लिए केंद्र सरकार 5,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी देगी। लोवर मीडिल इनकम ग्रुप के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन को 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है। इसमें सालाना में 6 लाख रुपये से 18 लाख रुपये की कमाई करने वाले लोगों को फायदा मिल सकेगा।
केंद्र सरकार ने कहा है कि मुद्रा स्कीम के तहत शिशु लोन पर दिए जाने वाले ब्याज में 2 फीसदी की रियायत दी जाएगी। आदिवासी के लिए CAMPA के लिए 6,000 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा। इसके लिए विभिन्न राज्य अपने स्तर पर काम करेंगे। छोटे और सीमांत किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल मुहैया कराया जाएगा। संस्थागत कर्ज के तहत 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज की तीसरी किस्त में एग्रीगेटर्स, किराना उत्पादक संगठन यानी एफपीओ, प्राइमरी कृषि सहकारी सोसाइटी को ढांचागत स्तर पर मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड मुहैया कराया जाएगा। माइक्रो फूड एंटरप्राइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का फंड मुहैया कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालकों को 20 हजार करोड़ रुपये मुहैया कराये जाएंगे। नेशनल एनिमल डिजिज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत पशुओं के टीकाकरण पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके तहत करीब 53 हजार करोड़ रुपये पशुओं का टीकाकरण हो सकेगा। एनिमल हस्बेंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत 15,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
वित्त मंत्री के मुताबिक देशभर में हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने और इनकी फसलों के लिए 4,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा। मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। 'From TOP to TOTAL' स्कीम के तहत सरकार 500 करोड़ रुपये जारी करेगी।
आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा ताकि किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर दाम मिल सके और कृषि सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सके। किसानों को आकर्षक दाम पर अपने उत्पाद बेचने और अंतर्राज्यीय ट्रेड के लिए नया केंद्रीय कानून बनाया जाएगा साथ ही कृषि उत्पादों को बेचने के लिएए ई-ट्रेडिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज की चौथी किस्त में सरकार ने कोयला, खनिज, डिफेंस उत्पादन, एयरस्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट्स, मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल, बिजली वितरण, स्पेस और एटॉमिक एनर्जी को लेकर ऐलान किया है। अब देश में कोयला खादान के क्षेत्र में सरकार का वर्चस्व कम होगा और इसमें प्राइवेट कंपनियों को लाया जाएगा। इवैक्युएशन इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नीलामी के लिए जरिए 500 खनन ब्लॉक्स का आवंटन किया जाएगा। यह एक्सप्लोरेशन-कम-माइनिंग-कम-प्रोडक्शन व्यवस्था के तहत किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि डिफेंस प्रोडक्शन में विदेशी निवेश को मौजूदा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा। सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के तहत गैप फंडिंग के जरिए कुल 8,100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देशभर में एयरस्पेस को पहले की तुलना में और भी बढ़ाया जाएगा। इससे एविएशन इंडस्ट्री में प्रति वर्ष 1,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकेगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण का निजीकरण किया जाएगा। इससे ग्राहक सेवा बेहतर हो सकेगी और वितरण दक्षता बढ़ेगी। प्राइवेट सेक्टर को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो की सुविधाओं को लाभ देने की मंजूरी दी जाएगी।
प्लेनेटरी एक्सप्लोरेशन, आउटर स्पेस ट्रैवल को प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोला जाएगा। मेडिकल आइसोटोप्स के उत्पादन और रिसर्च के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए केंद्र सरकार रिसर्च रिएक्टर की स्थापना करेगी। इसके तहत कैंसर और अन्य गंभरी बीमारियों को इलाज को बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के पांचवें और अंतिम किस्त में सरकार ने मनरेगा के तहत अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया है। इसके पहले बजट में ही सरकार ने 61,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे घरों की तरफ लौट रहे ग्रामीण मजदूरों को काम मिल सकेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि भविष्य की महामारियों के लिए भारत को तैयार करने के लिए सरकार स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च को बढ़ाया जाएगा। कारोबार सुगमत को बढ़ावा देने लिए भी सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठाएगी। इनमें भारतीय सार्वजनिक कंपनियों द्वारा प्रतिभूतियों को प्रत्यक्ष विदेशी क्षेत्र में प्रतिभूतियों की प्रत्यक्ष सूची शामिल है।
केंद्र सरकार ने कंपनी अधिनियम की अवहेलना करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत 7 कंपाउंडेबल अपराधों को पूरी तरह से हटा दिया गया और 5 को वैकल्पिक ढांचे के तहत निपटाने की बात कही गई है। कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक साल के लिए नई इन्सॉल्वेंसी प्रक्रियाओं को सस्पेंड कर दिया है, इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत COVID—19 से संबंधित कर्ज को 'डिफॉल्ट' की श्रेणी में नहीं डाला जाएगा।
पीएम ई-विद्या- डिजिटल व ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सेस के लिए एक कार्यक्रम तुरंत लॉन्च किया जाएगा। शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को 30 मई तक स्वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा बच्चों को उचित शिक्षा देने के लिए 12 चैनल लॉंट किए जाएंगे।
इसके लिए एक क्लास एक चैनल की व्यवस्था की जाएगी। दीक्षा ऐप को और भी ज्यादा बढ़ावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हर राज्य से चार घंटे का स्टडी मटीरियल मंगाया गया है। कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट की जाएगी। दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष ई-कंटेंट तैयार किया जाएगा।
आपको बताते चलें कि केंद्र सरकार ने रविवार को 20 लाख करोड़ रुपये के पूरो पैकेज के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी है। इसके तहत आरबीआई द्वारा उठाए कदम में 8.01 लाख करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.92 लाख करोड़ रुपये भी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा बीते 5 दिनों में सरकार ने विभिन्न माध्यमों से कुल 11.02 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया है।
पहली किस्त में किए गए ऐलानों पर कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये, दूसरी किस्त में 3,10 लाख करोड़ रुपये और तीसरी किस्त में 1.50 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा चौथी और पांचवी किस्त में सरकार ने 48,100 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है।
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