जानिए, महाराष्ट्र में आखिर क्यों बढ़ती जा रही है शिवसेना और बीजेपी के बीच तल्खी?
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी बराबरी की स्थिति में ही बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से 144 सीटें शिवसेना को नहीं मिलेंगी, तो बीजेपी के साथ विधानसभा चुनावों में गठजोड़ भी नहीं किया जाएगा।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का कभी भी ऐलान हो सकता है, लिहाजा सभी दल चुनाव की तैयारियों में जुटे गए हैं। लेकिन सीट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच जारी तल्खीं लगातार बढ़ती ही जा रही है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने तो गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी बराबरी की स्थिति में ही बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से 144 सीटें शिवसेना को नहीं मिलेंगी, तो बीजेपी के साथ विधानसभा चुनावों में गठजोड़ भी नहीं किया जाएगा।
शिवसेना के एक नेता ने तो इससे पहले यहां तक कह दिया कि अगर आधी सीटें नहीं मिलीं, तो दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट जाएगा। इसपर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि बीजेपी को 50-50 फॉर्म्युले का सम्मान करना चाहिए।
दरअसल, महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता दिवाकर राउत ने बुधवार को कहा था कि 144 सीटें नहीं मिलने पर बीजेपी के साथ चुनावी गठजोड़ टूट सकता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने गुरुवार को कहा, 'जब अमित शाह और मुख्यपमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के बीच बातचीत के दौरान 50-50 का फॉर्मूला अपनाने का फैसला नहीं लिया गया, तो दिवाकर राउत का बयान गलत नहीं है।'
आपको बताते चलें कि सीट बंटवारे से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अनुच्छेद 370 को लेकर केंद्र सरकार की तारीफ की थी। साथ ही उन्होंने राम मंदिर बनाने की मांग भी की थी। उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अब राम मंदिर के लिए इंतजार करने का कोई मतलब नहीं बनता है। उन्होंने कहा था कि हम ने शिवसेना कार्यकर्ताओं से कहा है कि वह तैयार रहे हैं। अब समय आ गया है जब राम मंदिर की आधारशिला अयोध्या में रखी जाएगी। यह वह सपना है जिसे हमारे संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने देखा था।
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