जानिए, दानवों के संहार से पूर्व माँ भवानी ने किस देव से प्राप्त किए कौन से अस्त्र और शस्त्र?
भगवान शंकर ने माँ शक्ति को त्रिशूल भेंट किया, तो भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र। वरुणदेव ने शंख भेंट किया और अग्निदेव ने अपनी शक्ति प्रदान की। पवनदेव ने धनुष और बाण भेंट किए। इंद्र देव ने वज्र और घंटा अर्पित किया। यमराज ने कालदंड और प्रजापति दक्ष ने स्फटिक माला प्रदान की। भगवान ब्रह्मा ने कमंडल भेंट दिया एवं सूर्य देव ने माता को तेज प्रदान किया।
नवरात्र के पावन पर्व में मानो संपूर्ण श्रृष्टि भक्तिमय हो गई है। मंदिरों एवं देवालयों के अलावा हर घरों में महाशक्ति देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना हो रही है। आज हम आप सभी को यह माँ के शस्त्रों के बारे में बताने जा हे हैं। वास्तव में माँ भवानी ने जब असुरों के अत्याचारों से देवों और मनुष्यों को बचाने का संकल्प लिया, तब देवताओं ने अपने प्रिय अस्त्र-शस्त्र के साथ कई शक्तियां मां दुर्गा को प्रदान की।
भगवान शंकर ने माँ शक्ति को त्रिशूल भेंट किया, तो भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र। वरुणदेव ने शंख भेंट किया और अग्निदेव ने अपनी शक्ति प्रदान की। पवनदेव ने धनुष और बाण भेंट किए। इंद्र देव ने वज्र और घंटा अर्पित किया। यमराज ने कालदंड और प्रजापति दक्ष ने स्फटिक माला प्रदान की। भगवान ब्रह्मा ने कमंडल भेंट दिया एवं सूर्य देव ने माता को तेज प्रदान किया।
समुद्र ने माँ को उज्जवल हार, दो दिव्य वस्त्र, दिव्य चूड़ामणि, दो कुंडल, कड़े, अर्धचंद्र, सुंदर हंसली और अंगुलियों में पहनने के लिए रत्नों की अंगूठियां भेंट कीं। सरोवरों ने माँ भवानी को कभी नहीं मुरझाने वाली कमल की माला अर्पित की और पर्वतराज हिमालय ने देवी दुर्गा को सवारी करने के लिए शक्तिशाली सिंह भेंट किया। कुबेर देव ने मधु से भरा पात्र माँ को दिया। देवों द्वारा प्रदान किए गए अस्त्रों और शस्त्रों से माँ अपने साधकों की रक्षा करती हैं।
Comments (0)