जापान : उत्तरी जापान के फुकुशिमा तट, भूकंप ने मचाई तबाही, 4 लोगों की मौत, 90 से ज्यादा घायल, सूनामी का अलर्ट वापस
उत्तरी जापान के फुकुशिमा तट पर बुधवार रात को तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.4 रही. जानकारों के मुताबिक ये काफी शक्तिशाली भूकंप था. वहीं, जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने भूकंप के कारण जारी की गई सुनामी की चेतावनी को वापस ले लिया है.
Earthquake in Japan: उत्तरी जापान के फुकुशिमा तट पर बुधवार रात को तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.4 रही. जानकारों के मुताबिक ये काफी शक्तिशाली भूकंप था. वहीं, भूकंप के कारण जापान को काफी नुकसान उठाना पड़ा. भूकंप के कारण चार लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए. एक बुलेट ट्रेन भी पटरी से उतर गई. वहीं, जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने भूकंप के कारण फुकुशिमा और मियागी प्रांत के तटों पर सुनामी की चेतावनी वापस ले ली है.
समुद्र से 60 किलोमीटर नीचे था भूकंप का केन्द्र: जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि भूकंप का केंद्र समुद्र से 60 किमी नीचे था. यह उत्तरी जापान का वही हिस्सा है, जो 2011 में नौ तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप और सुनामी से तबाह हो गया था. जापान में उस भूकंप के चलते परमाणु आपदा भी आई थी. पूरे देश को बेहिसाब आर्थिक नुकसान और जानमाल की हानि हुई थी.
सुनामी का अलर्ट वापस: 7.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की थी. लेकिन बाद में जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी वापस ले ली. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा है कि भूकंप के कारण जापान के फुकुशिमा और मियामी प्रांत के तटों पर सुनामी की संभावना नहीं है.
दो लोगों की मौत कईयों की हालत गंभीर: फायर एंड डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने बताया है कि भूकंप के कारण जापान में दो लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि 4 लोगों की हालत गंभीर है. क्योडो न्यूज के मुताबिक, सोमा शहर में एक व्यक्ति की दूसरी मंजिल से गिरने के बाद मौत हो गई. जबकि दूसरे शख्स का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वहीं, भूकंप से कितना नुकसान हुआ है इसका आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है.
क्यों आते हैं भूकंप के झटके: भूकंप का कारण धरती की आंतरिक गतिविधि है. दरअसल, पृथ्वी कई लेयर में बंटी हुई है. वहीं, धरती के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो एक दूसरे से टकराती रहती है. टकराने से जो दबाव पड़ता है उससे इनके कार्नर मुड जाते हैं. इस प्रक्रिया में भारी दबाव बनता है. इसी कारण धरती के अंदर संचित ऊर्जा निकलने का रास्ता खोजने लगती है, और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
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