खुशखबरी : यात्रीगण कृपया ध्यान दें! देशभर में एक जून से दौड़ेंगी 200 नॉन एसी स्पेशल ट्रेनें,जल्द शुरू होगी टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग
विश्वव्यापी कोरोना और देशव्यपी लॉकडाउन के कारण थमी जिंदगी को रफ्तार मिलने वाली है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अब देशवासियों की जिंदगी आसान करने के लिए कमर कस ली है। रेल मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल, राजधानी के रूट पर 15 जोड़ी एसी स्पेशल ट्रेनों के बाद अब 200 नॉन एसी स्पेशल ट्रेनें चलाने का एलान किया है।
विश्वव्यापी कोरोना और देशव्यपी लॉकडाउन के कारण थमी जिंदगी को रफ्तार मिलने वाली है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अब देशवासियों की जिंदगी आसान करने के लिए कमर कस ली है। रेल मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल, राजधानी के रूट पर 15 जोड़ी एसी स्पेशल ट्रेनों के बाद अब 200 नॉन एसी स्पेशल ट्रेनें चलाने का एलान किया है।
स्पेशल ट्रेनों का संचालन पहली जून से रोजाना किया जाएगा। रेल मंत्रालय के मुताबिक इन ट्रेनों के लिए टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन होगी। स्टेशन काउंटर नहीं खोले जाएंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। माना जा रहा है कि इन ट्रेनों का रूट तय करते समय यह ध्यान में रखा जाएगा कि कहां प्रवासियों की संख्या ज्यादा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अगले कुछ दिनों के अंदर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या भी दोगुनी कर 400 रोजाना करने की बात कही है। रेल मंत्रालय ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर हो रही राजनीति पर भी रोक लगाने की तैयारी कर ली है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के लिए उस राज्य की सहमति जरूरी नहीं होगी, जहां श्रमिकों को पहुंचाना है।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला गृह मंत्रालय के साथ मिलकर रेल मंत्रालय करेगा। राज्यों को इस संबंध में व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। मजदूरों की सुरक्षित और सुचारू घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय ने नया तौर-तरीका यानी एसओपी जारी किया है। इसके मुताबिक रेल मंत्रालय अब राज्यों के साथ-साथ गृह मंत्रालय से समन्वय स्थापित कर ट्रेनों का परिचालन करेगा। जहां से मजदूरों को चलना है और जिस राज्य में पहुंचना है, वे राज्य नोडल अधिकारियों को नियुक्त करेंगे, ताकि ट्रेनों के परिचालन में कोई दिक्कत नहीं आए।
भारतीय रेलवे की ओर से दो मई को जारी गाइडलाइन में कहा गया था कि ट्रेन के संचालन के लिए उस राज्य की सहमति जरूरी होगी, जहां मजदूरों को पहुंचना है। इस मंजूरी का पत्र मिलने के बाद ही रेलवे आगे की व्यवस्था करता था। देखने में आया कि बहुत से राज्य अपने यहां प्रवासी मजदूरों को वापस लेने में आनाकानी कर रहे थे। कोरोना वायरस के संक्रमण के डर और रोजगार छिनने की चिंता में घर पहुंचने की कोशिश में लगे लाखों मजदूर पैदल ही कूच करने लगे थे। नई व्यवस्था से यह अराजकता और अव्यवस्था दूर होने की उम्मीद है।
आपको बताते चलें कि लॉकडाउन की वजह से रेल सेवा पूरी तरह से ठप थी। रेलवे ने पहले अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए पहले श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया। इस ट्रेन से प्रवासी लोगों को उनके राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है। 12 मई से 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेन भी पटरी पर दौड़ना शुरू हुई है। हालांकि, 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें पूरी तरह से एसी हैं। ये ट्रेन नई दिल्ली और देश के अलग-अलग 15 हिस्सों में चलाई जा रही हैं।
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