नीदरलैंड्स के राजा विलियम एलेक्जेंडर का पांच दिवसीय दौरा,कहा-भारत नीदरलैंड एक दूसरे के पूरक
नीदरलैड्स के राजा विलेम एलिक्जेंडर ने मंगलवार को कहा कि भारत और नीदरलैंड एक-दूसरे के पूरक हैं। साथ ही दोनों देशों में तकनीकी और नई खोज के क्षेत्र में एक-दूसरे को मजबूत बनाने का सामर्थ्य रखते हैं। दोनों देशों ने कानपुर-उन्नाव के चमड़ा उद्योग में पानी के उचित उपयोग और प्रदूषण से बचाव समेत आठ संयुक्त उपक्रमों की घोषणा की है।
नीदरलैंड के राजा विलियम एलेक्जेंडर और रानी मैक्सिमा पांच दिवसीय भारत दौरे पर हैं। बुधवार को यह शाही जोड़ा मुंबई में आयोजित एक प्रदर्शनी में शामिल हुआ। भारत और नीदरलैंड की 400 साल पुरानी साझा सांस्कृतिक विरासत के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष प्रदर्शनी में डच चित्रकार रेमब्रंट के चित्रों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है। मंगलवार को राजा विलेम-अलेक्जेंडर और रानी मैक्सिमा ने दिल्ली में सफदरजंग मकबरे का दीदार किया। 18वीं सदी के इस स्मारक पर उन्होंने डच विश्वविद्यालयों से पढ़कर लौटे करीब 50 लोगों से मुलाकात भी की।
नीदरलैंड्स के राजा ने इससे पहले भारत के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक कई बैठकें की। उनके इन बैठकों का लक्ष्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ाना है। राजा विलेम एलिक्जेंडर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य मंत्रियों के साथ कर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए।
नीदरलैंड्स के राजा ने मंगलवार को कहा कि भारत और नीदरलैंड एक-दूसरे के पूरक हैं। साथ ही दोनों देशों में तकनीकी और नई खोज के क्षेत्र में एक-दूसरे को मजबूत बनाने का सामर्थ्य रखते हैं। दोनों देशों ने कानपुर-उन्नाव के चमड़ा उद्योग में पानी के उचित उपयोग और प्रदूषण से बचाव समेत आठ संयुक्त उपक्रमों की घोषणा की है।
भारत-नीदरलैंड के तकनीकी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि खोज और अनुसंधान के क्षेत्र में दोनों देश पिछले दस सालों से सहयोग कर रहे हैं। नीदरलैंड को कृषि क्षेत्र, जल और पर्यावरण को लेकर उठाए जाने वाले कदमों की दिशा में गहन जानकारी है। इसके जरिए भारत बाढ़ और सूखे जैसी अपनी कुछ समस्याओं का समाधान कर सकता है। इसके अलावा, दोनों देश सरकारी व निजी साझेदारी के जरिए भी अपने अनुभव और रुख साझा कर सकता है। दोनों देश एक-दूसरे के पूरक हैं और एक-साथ बहुत अच्छी टीम हैं।
नीदरलैड के राजा ने कहा कि दोनों देशों के बीच घोषित कुल आठ संयुक्त उपक्रमों में विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सम्मेलन करने के अलावा कचरे से उपयोग सामान बनाने की परियोजनाएं भी शामिल होंगी। इसके अतिरिक्त कानपुर-उन्नाव स्थित चमड़ा उद्योग से होने वाले प्रदूषण को रोकने के उपाय किए जाएंगे। साथ ही यहां इस औद्योगिक क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले गंगा नदी के पानी के प्रभावशाली उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
राजा एलेक्जेंडर ने इंडो-डच लैबोरेट्री में जाने का भी उल्लेख भी किया। उन्होंने बताया कि यहां बारापुला नाले के गंदे पानी को यमुना में गिरने से पहले ट्रीट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के विशेषज्ञों को नाले को साफ करने में सफलता मिली है। वह इस पानी को दोबारा उपयोग में लाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने दोनों देशों के साझा विरासतों और आम विश्वासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को वैश्विक मुद्दों जैसे-गरीबी, भूख, रोजगार सृजन, ऊर्जा सुरक्षा, मानवाधिकार और लैंगिक समानता की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए।
आपको बताते चलें कि नीदरलैंड के राजा का 2013 में राजकाज की बागडोर संभालने के बाद यह नका पहला भारत दौरा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार राजा और महारानी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत आने का न्यौता दिया था। इस दौरान राजा और रानी नयी दिल्ली के अलावा मुंबई और केरल जाएंगे।
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