दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम को 3 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा,जामिया-न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हिंसा फैलाने का है आरोप
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जामिया-न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के मामले में कोर्ट ने सुनवाई के बाद शरजील इमाम को 3 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया।
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जामिया-न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के मामले में कोर्ट ने सुनवाई के बाद शरजील इमाम को 3 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया।
दिल्ली पुलिस ने जामिया-न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में मंगलवार को अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। इसमंम शरजील इमाम पर उकसाने का आरोप लगाया गया है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहन कौर की अदालत में आरोपपत्र दायर करते हुए पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज,कॉल रिकॉर्ड्स और 100 से अधिक गवाहों के बयान बतौर प्रमाण संलग्न किए गए हैं।
गौरतलब है कि 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चार बसों और पुलिस के दो वाहनों में आग लगा दी थी। छात्रों, पुलिस कर्मियों और दमकल कर्मियों सहित करीब 60 लोग घायल हुए थे।
इससे पहले जामिया नगर के दंगों में शरजील इमाम की भूमिका सामने आने के बाद उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। जिसके बाद मंगलवार को दोबारा उसे साकेत कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उसे 3 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 13 दिसंबर को हुई हल्की-फुल्की पत्थरबाजी से शरजील खुश नहीं था। ऐसे में उसने जामिया नगर में बड़ा दंगा करने के लिए लोगों को उकसाया। जामिया नगर में पहली बार माहौल शरजील इमाम की वजह से ही खराब हुआ था। उसने 13 दिसंबर को जामिया नगर में दो बार भड़काऊ भाषण दिया था। वह शाहीन बाग में 15 दिन से ज्यादा तक रहा था। दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने उसकी आवाज के सैंपल ले लिए हैं।
अपराध शाखा के मुताबिक शरजील 13 दिसंबर को सुबह जामिया नगर पहुंच गया था। उसने जामिया नगर में दोपहर को भाषण दिया। शाम को उसने फिर भड़काऊ भाषण दिया। इससे लोग भड़क उठे। उन्होंने पुलिस पर काफी देर तक पथराव किया था। पथराव के दौरान शरजील जामिया नगर में अंदर चला गया था।
13 दिसंबर के दंगे की एफआईआर जामिया नगर थाने में दर्ज है। शरजील 14 दिसंबर को भी जामिया नगर आया था। 15 दिसंबर को उसने शाहीन बाग में भड़काऊ भाषण दिया। पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि शरजील के शाहीन बाग में दिए भड़काऊ भाषण की वजह से 15 दिसंबर को जामिया नगर में दंगे हुए थे। हालांकि उस दिन वह जामिया नगर में नहीं था। वह रात में जेएनयू चला गया था।
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