दिल्ली हिंसा : दंगाइयों की संपत्ति कुर्क करेगी दिल्ली पुलिस,जुर्माना वसूलकर करेगी नुकसान की भरपाई, दंगाइयों की पहचान में जुटी SIT और स्थानीय पुलिस
दिल्ली पुलिस ने साम्प्रदायिक दंगों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से जुर्माना वसूलने का निर्णय लिया है। दिल्ली पुलिस दंगाइयों की संपत्तियों को कुर्क करने का फैसला भी किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी और स्थानीय पुलिस को इस संबंध में निर्देश जारी किए जा चुके हैं। नुकसान का आंकलन करने के लिए नगर निगम अधिकारियों और दिल्ली सरकार के साथ समन्वय किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने साम्प्रदायिक दंगों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से जुर्माना वसूलने का निर्णय लिया है। दिल्ली पुलिस दंगाइयों की संपत्तियों को कुर्क करने का फैसला भी किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी और स्थानीय पुलिस को इस संबंध में निर्देश जारी किए जा चुके हैं। नुकसान का आंकलन करने के लिए नगर निगम अधिकारियों और दिल्ली सरकार के साथ समन्वय किया जाएगा।
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को उन लोगों की पहचान करने का काम सौंपा गया है,जिन्होंने चार दिनों में और पूरी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान आगजनी, लूटपाट या संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। यह शक है कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों सहित कई स्थानीय अपराधियों ने जाफराबाद, कर्दमपुरी, करावल नगर, मौजपुर, भजनपुरा और अन्य क्षेत्रों में स्थिति का फायदा उठाया।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने कम से कम 1000 दंगाइयों की पहचान की है और अब दंगों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गठित दो एसआईटी को सभी शिकायतों और घटनाओं को दर्ज करने के लिए निर्देश दिए गए हैं,जो स्थानीय पुलिस से छूट गए हो सकते हैं, जबकि एक स्पेशल टीम को सभी वीडियो, फोटो और मैसेजों की जांच करने का काम सौंपा गया है। पुलिस मंगलवार और बुधवार को हिंसा के दौरान इस्तेमाल किए गए ड्रोन से वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच कर रही है,ताकि अधिक से अधिक दंगाइयों की पहचान की जा सके।
दिल्ली फायर सर्विसेज ने भी दंगों में 79 घरों, 52 दुकानों, पांच गोदामों, तीन कारखानों, चार मस्जिदों और दो स्कूलों को नुकसान या आगजनी की सूचना दी है। उम्मीद है कि ये संख्या बढ़ेगी। पुलिस फायर सर्विसेज की रिपोर्ट का भी अध्य्यन कर रही है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश प्रशासन ने बीते साल दिसंबर 2019 में राज्य मंज हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान नुकसान की भरपाई के लिए दंगाइयों के रूप में पहचाने जाने वाले कम से कम 400 लोगों को नोटिस भेजे थे। सुप्रीम कोर्ट की पिछली सिफारिशों और 2011 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसलों ने इसे सही ठहराया था।
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