Corona Update : उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, राज्य के सभी कोरोना हॉटस्पॉट वाले 15 जिलों में होगी पूल टेस्टिंग,जांच में आएगी तेजी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के 15 जिलों के पूरी तरह सील किए गए हॉटस्पॉट इलाकों में पूल टेस्टिंग करने का फैसला किया है। ये जिले लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, बरेली, बुलंदशहर, बस्ती, फिरोजाबाद, सहारनपुर, महराजगंज और सीतापुर हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इसकी जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के 15 जिलों के पूरी तरह सील किए गए हॉटस्पॉट इलाकों में पूल टेस्टिंग करने का फैसला किया है। ये जिले लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, बरेली, बुलंदशहर, बस्ती, फिरोजाबाद, सहारनपुर, महराजगंज और सीतापुर हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आईसीएमआर से पूल टेस्टिंग की अनुमति मिल गई है। पूल टेस्टिंग के तहत एक साथ कई सैंपल लिए जाएंगे। उनकी एक साथ जांच की जाएगी। जांच में अगर सभी निगेटिव निकले तो कोई बात नहीं। लेकिन एक भी पॉजिटिव केस निकला तो पूरे इलाके के अलग-अलग सैंपल लेकर जांच की जाएगी। इस प्रणाली से प्रदेश में टेस्टिंग की तादाद भी बढ़ेगी।
ज्ञात हो कि प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 36 नए मरीज मिलने से कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 550 तक पहुंच गई है। इन 550 संक्रमितों में से 47 मरीज ठीक हो होकर घर वापस जा चुके हैं। ये सभी कोरोना पॉजिटिव मामले 41 जिलों से आए हैं।
स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पीलीभीत में कोरोना पॉजिटिव के दो मामले थे। ये दोनों मरीज अब ठीक हो गए हैं। उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। इस तरह पीलीभीत में कोरोना पॉजिटिव का कोई भी नया केस सामने नहीं आया है। यह जिला अब पूरी तरह से कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुका है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोगों को चिकित्सीय परामर्श देने के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था शुरू हो गई है। इसके तहत टोल फ्री नंबर-18001805145 पर फोन कर लोग डॉक्टरों से स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सीय सलाह ले रहे हैं। उन्होनें बताया निजी क्षेत्र के और सरकारी क्षेत्र के अस्पतालों में इलाज के लिए पहले से गाइडलाइन जारी है। इसके साथ ही आकस्मिक सेवाओं के लिए भी पहले से ही प्रोटोकॉल जारी किया गया है।
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