Corona Update :सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को पलटा,कहा-आयुष्मान भारत योजना वालों की ही निजी लैब्स में हो सकेगी कोरोना की मुफ्त जांच

देश की सर्वोच्च अदालत ने निजी लैब्स में मुफ्त कोरोना जांच के आदेश में बदलाव किया है। अदालत ने कहा कि लैब्स उनसे 4500 रुपये तक ले सकते हैं, जो देने में सक्षम हैं। जो लोग आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आते हैं, सिर्फ उनकी जांच मुफ्त होगी।

Corona Update :सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को पलटा,कहा-आयुष्मान भारत योजना वालों की ही निजी लैब्स में हो सकेगी कोरोना की मुफ्त जांच
GFX of Supreme Court and Corona
Corona Update :सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को पलटा,कहा-आयुष्मान भारत योजना वालों की ही निजी लैब्स में हो सकेगी कोरोना की मुफ्त जांच
Corona Update :सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को पलटा,कहा-आयुष्मान भारत योजना वालों की ही निजी लैब्स में हो सकेगी कोरोना की मुफ्त जांच

देश की सर्वोच्च अदालत ने निजी लैब्स में मुफ्त कोरोना जांच के आदेश में बदलाव किया है। अदालत ने कहा कि लैब्स उनसे 4500 रुपये तक ले सकते हैं, जो देने में सक्षम हैं। जो लोग आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आते हैं, सिर्फ उनकी जांच मुफ्त होगी।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने सुनवाई के दौरान अदालत से निजी लैब्स को कोरोना जांच मुफ्त में करने के आदेश को बदलने की मांग की थी। आईसीएमआर ने कहा था कि इस पर कार्यपालिका को फैसला लेने दीजिए,क्योंकि इस आदेश से जांच प्रभावित होगी।

शीर्ष अदालत ने इस बात को नोट किया कि अब तक जितने टेस्ट हुए हैं, उसमें 87 फीसदी सरकारी लैब में मुफ्त में हुए हैं। अदालत ने पाया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 50 करोड़ लोग कोरोना का मुफ्त जांच करवा सकते हैं। अदालत ने कोरोना से निपटने में केंद्र सरकार के कार्यों की तारीफ भी की।

सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर कुशल कांत ने दायर याचिका में कहा था कि निजी लैब को कोरोना की जांच का मुफ्त आदेश देने से पहले से कम हो रही जांच और कम होने का अंदेशा है। याचिका में कहा गया था कि जांच के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए एक अलग कोटा बनाया जाना चाहिए जो इस जांच के लिए पैसे देने में असमर्थ हैं।

याचिका में कहा गया था कि शीर्ष अदालत अपने 8 अप्रैल के आदेश में संशोधन करे और आदेश दे कि निजी लैब को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों का कोरोना जांच की फीस का भुगतान सरकार करेगी। याचिका में कहा गया कि शीर्ष अदालत स्थानीय नगरपालिकाओं और पंचायत क्षेत्रों में भी लैब स्थापित करने का आदेश दे। 

याचिका में देशभर में हो रही जांच की क्षमता की समीक्षा की मांग की गई थी। कहा गया था कि दूसरे देशों में जितनी टेस्टिंग की जा रही है उसके मुकाबले हमारे देश में काफी कम टेस्टिंग हो रही है। इसे जरूरत के अनुसार बढ़ाया जाए। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 8 अप्रैल को निर्देश दिया था कि सरकारी लैब या निजी लैब में कोरोना जांच मुफ्त किया जाए।