बिहार में जल्द महंगा हो सकता है बस का सफर, 30 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने की तैयारी,डीजल के लगातार बढ़ रहे दाम के बाद राज्य ट्रांसपोर्ट फेडरेशन का फैसला
देश में बढ़ती तेल कीमतों की मार बिहार के बस यात्रियों पर भी पड़ेगी। बस संचालकों ने किराया बढ़ाने की तैयारी कर ली है। लॉकडाउन के बाद डीजल की कीमतों में करीब 10 रुपए की वृद्धि हुई है। इस कारण बस परिचालन महंगा पड़ रहा है। संभावना है कि बस संचालक 25 से 30 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं।
देश में बढ़ती तेल कीमतों की मार बिहार के बस यात्रियों पर भी पड़ेगी। बस संचालकों ने किराया बढ़ाने की तैयारी कर ली है। लॉकडाउन के बाद डीजल की कीमतों में करीब 10 रुपए की वृद्धि हुई है। इस कारण बस परिचालन महंगा पड़ रहा है। संभावना है कि बस संचालक 25 से 30 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं। पूरे राज्य में 65 हजार निजी बसें और 600 बसें बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की हैं।
पिछले साल ही निजी बस संचालकों ने 20 प्रतिशत किराया में वृद्धि की थी। यानी एक साल में डेढ़ गुना किराया बढ़ जाएगा। एक साल पहले पटना से मुजफ्फपुर का किराया 90 रुपए था 20 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद इसे 110 रुपए कर दिया गया था और अब 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद 143 रुपये किराया हो जाएगा।
बस संचालको का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के डर से बस में कम यात्री सफर कर रहे हैं। वहीं, तेल की कीमतें भी बढ़ गई है। इस कारण वे अब वर्तमान भाड़े में बस परिचालन करने में समर्थ नहीं है।
बिहार राज्य ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद डीजल की कीमतों में करीब दस रुपये की बढ़ोतरी हुई है। तेल की कीमत बढ़ने के बाद अब बस भाड़े में भी बढ़ोतरी की तैयारी है।
जिला परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार ठाकुर बताते हैं कि राजधानी में बस और टेम्पो किराया का निर्धारण क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार करता है, जिसके प्रधान प्रमंडलीय आयुक्त होते हैं। बस का राज्य स्तरीय किराया परिवहन विभाग मुख्यालय तय करता है।
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