टुकड़ों-टुकड़ों में बंटा महागठबंधन, माया-अखिलेश के बाद अजित सिंह भी 'एकला चलो' की राह पर
यूपी में लोकसभा चुनाव 2019 के दरम्यान सपा, बसपा और आरएलडी तीनों ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। लेकिन मोदी के सुनामी ने किसी को भी कहीं का न छोड़ा। हालांकि मायावती 10 सीटों के साथ सबसे ज्यादा फायदे में रही। इसके बावजूद उसने सबसे पहले गठबंधन से अपने आप को जुदा कर ली और इसका सारा ठीकरा सपा पर फोड़ दिया।
यूपी में लोकसभा चुनाव 2019 के दरम्यान सपा, बसपा और आरएलडी तीनों ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। लेकिन मोदी के सुनामी ने किसी को भी कहीं का न छोड़ा। हालांकि मायावती 10 सीटों के साथ सबसे ज्यादा फायदे में रही। इसके बावजूद उसने सबसे पहले गठबंधन से अपने आप को जुदा कर ली और इसका सारा ठीकरा सपा पर फोड़ दिया। अब बारी है राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) की। यह पार्टी भी कभी भी गठबंधन को बाय-बाय कह सकती है जिसका फैसला 5 जून की शाम तक आ जाने की संभावना है।
आरएलडी के सुप्रीमो चैधरी अजित सिंह सहित उनके सभी उम्मीदवार को लोकसभा चुनाव में बुरी तरीके से हार का सामना करना पड़ा था। खुद की भी सीट बचाने में अजित सिंह नाकामयाब साबित रहे। इसका सीधा-सीधा मतलब है कि आरएलडी को गठबंधन में चुनाव लड़ने से कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में यह संभावना अधिक है कि अजित सिंह की पार्टी कभी भी गठबंधन से अलग हो सकती है।
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