केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट गठन के बाद होगा राम मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान, वीएचपी केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल और संतों की बैठक में पास हुआ प्रस्ताव
विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि अयोध्या में मंदिर निर्माण की तिथि संतों की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट के गठन के बाद की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आनंद प्रकट करने के लिए देश भर में रामोत्सव होगा। जिन गांवों और मुहल्लों में शिलापूजन कार्यक्रम हुए थे, वहां विशेष आयोजन होंगे।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल और संतों की बैठक में राम मंदिर निर्माण की तिथि पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। मंदिर निर्माण की तिथि पर फैसला सरकार द्वारा ट्रस्ट के गठन तक के लिए टाल दिया गया है। मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों और संतों ने श्रीराम जन्मभूमि न्यास को राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी सौंपने की मांग का प्रस्ताव जरूर पारित किया है,जिसमें तय किया कि गया कि तारीख की घोषणा मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन के बाद की जाएगी।
विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे और मंडल के प्रमुख सदस्य स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने पारित प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण की तिथि संतों की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट के गठन के बाद की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आनंद प्रकट करने के लिए देश भर में रामोत्सव होगा। जिन गांवों और मुहल्लों में शिलापूजन कार्यक्रम हुए थे, वहां विशेष आयोजन होंगे।
बैठक के दौरान संशोधित नागरिकता कानून को लेकर बीएचपी,अखिल भारतीय संत समिति और अखिल भारतीय साध्वी शक्ति परिषद की ओर से जनजागरूकता अभियान चलाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। धर्मांतरण पर रोक के लिए भी रणनीति बनी। परिवार संस्कार भी चलाने का निर्णय हुआ।
बैठक में परिषद ने भी अपना एजेंडा भी रखा। संतों के समक्ष प्रस्ताव उठाया गया कि परिषद के मॉडल पर ही राम मंदिर का निर्माण हो। साथ ही मंदिर आंदोलन में प्रमुख निभाने वाले श्रीराम जन्मभूमि न्यास को ही निर्माण कार्य सौंपे जाने की मांग के पीछे तर्क भी रखा गया। कहा गया कि न्यास के नेतृत्व में ही मंदिर आंदोलन हुआ और वर्षों पुराने विवाद पर विश्राम लग सका।
केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख सदस्यों ने कहा कि मंदिर आंदोलन के तहत ही देश के लगभग पौने छह लाख गांवों में रामशिला पूजन हुआ था, जिसमें श्रीराम जन्मभूमि न्यास ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। यही नहीं, मंदिर निर्माण के लिए पत्थर गढ़ाई का जो कार्य हो रहा है, वह भी इसी न्यास की देखरेख में हो रहा है। अब तक 60 फीसद पत्थर गढ़ाई का कार्य हो चुका है।
वीएचपी के केंद्रीय मंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि न्यास को मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी सौंपने और बीएचपी के मॉडल पर ही मंदिर बनने का आवेदन केंद्र सरकार को दे दिया गया है। इसके लिए किसी प्रकार का कोई दावा वीएचपी ने नहीं ठोका है। मिलिंद परांडे ने कहा कि सभी संतों के लिए भगवान राम पूज्य हैं। ऐसे में दूसरे संत परंपरा के मुताबिक मंदिर का मॉडल चाहते हैं। सभी चाहते हैं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शीघ्र शुरू कराया जाए।
इससे पहले भगवान श्रीराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ बैठक का पहला सत्र सुबह 10.30 बजे शुरू हुआ। अध्यक्षता स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की। वीएचपी के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने प्रस्तावना रखी। मार्गदर्शक मंडल के पदाधिकारियों और सदस्यों के बीच एजेंडा रखा गया और फिर प्रमुख संतों ने अपने-अपने विचार रखे।
बैठक के दूसरे सत्र की अध्यक्षता अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष और गुजरात के महिसाणा स्थित केवल्य पीठ के प्रमुख अविचल दास महाराज ने की। इस सत्र में प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए। दूसरे सत्र में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरिजी महाराज भी शामिल हुए। दोनों सत्रों का संचालन वीएचपी के केंद्रीय उपाध्यक्ष और मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्र ने किया।
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