जानें वित्त मंत्री के पिटारे से भारतीय रेलवे को क्या मिला?
वित्त मंत्री ने एक भी नई ट्रेन चलाने घोषणा नहीं की है. बजट में मेट्रो ट्रेन के विस्तार पर जरुर ध्यान दिया गया है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2021-22 पेश कर दिया है. इस बजट को मोदी सरकार एक क्रांतिकारी बजट बता रही है. हालांकि इस बजट में ट्रेन से सफर करने वालों के लिए कुछ खास नहीं था.
वित्त मंत्री ने एक भी नई ट्रेन चलाने घोषणा नहीं की है. बजट भाषण में रेलवे कर्मचारियों के लिए भी कुछ खास नहीं थी. बजट में मेट्रो ट्रेन के विस्तार पर जरुर ध्यान दिया गया है.
कितना बजट मिला
- रेलवे को 1.10 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया है.
- यह पिछली बार से करीब 38 हजार करोड़ अधिक है.
- पिछले बजट में रेलवे को 72.21 हजार करोड़ रुपए दिए गए थे.
विस्टा डोम कोच
- बजट में पैसेंजर्स को शानदार अनुभव देने के लिए विस्टा डोम कोच शुरू करने की घोषणा .
- इन कोच को शुरू करने का उद्देश्य टूरिज्म को बढ़ावा देना है.
- पिछले साल दिसंबर में विस्टा डोम कोच ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया था.
मालढुलाई
- बजट में मालढुलाई को लेकर कोई नई घोषणा नहीं थी.
- निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में नेशनल रेल प्लान 2030 का जिक्र किया.
- इस प्लान को 2020 में बनाया गया था.
- इस प्लान के तहत 2030 तक माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाकर 45% करने का लक्ष्य है.
रेलवे लाइन को इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य
- बजट में ब्रॉडगेज (बड़ी लाइन) का दिसंबर 2023 तक 100% इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य रखा गया है जो कि बहुत मुश्किल है.
- 2014 से 2019 तक 13,687 किलोमीटर ब्रॉडगेज को इलेक्ट्रिक लाइन में बदला गया.
- हर साल करीब 2700 किमी ब्रॉडगेज को इलेक्ट्रिक लाइन में बदला गया.
- 1 अक्टूबर 2020 तक के आंकड़े बताते हैं कि 41,548 किमी ट्रैक को इलेक्ट्रिफिकेशन किया जा चुका है. यानी कुल 67,420 में से 41,548 ट्रैक इलेक्ट्रिक हो गए हैं.
- तीन साल में करीब 26 हजार किमी का काम करना है. इस लक्ष्य को पाने के लिए सालाना करीब 8,600 किमी लाइन इलेक्ट्रिक करनी होगी.
मेट्रो
- वित्त मंत्री के मुताबिक अभी 702 किमी ट्रैक पर मेट्रो चल रही हैं. 27 शहरों में 1016 किमी मेट्रो पर काम और चल रहा है.
- कम लागत से टियर-2 शहरों में मेट्रो लाइट्स और मेट्रो नियो शुरू होंगी.
- कोच्चि मेट्रो में 1900 करोड़ की लागत से 11 किमी हिस्सा बनाया जाएगा.
- चेन्नई में 63 हजार करोड़ रुपए की लागत से 180 किमी लंबा मेट्रो रूट बनेगा.
- बेंगलुरु में 14788 करोड़ रुपए की लागत से 58 किमी लंबी मेट्रो लाइन बनेगी.
- नागपुर में 5976 करोड़ और नासिक में 2092 करोड़ से मेट्रो बनेगी.
प्राइवेट ट्रेनों पर ज्यादा ध्यान
- बजट में सरकार का ध्यान प्राइवेट ट्रेन चलाने पर अधिक दिखा.
- देश में इस समय दो प्राइवेट ट्रेन 'तेजस एक्सप्रेस' लखनऊ-नई दिल्ली और अहमदाबाद-मुंबई रूट पर चलाई जा रही हैं.
- इन दोनों ट्रेनों का किराया आम एक्सप्रेस ट्रेनों से 50% तक ज्यादा है.
इस मामले में मोदी सरकार आगे
- मोदी सरकार का रिकॉर्ड रेल ट्रैक बिछाने के मामले में अच्छा है.
- मार्च 2014 तक देश में 65.15 हजार किलोमीटर का रेल मार्ग था.
- 2019 में बढ़कर 67.42 हजार किलोमीटर का हो गया.
- मोदी सरकार ने मार्च 2019 तक 2270 किलोमीटर रेल मार्ग बनाया.
- मनमोहन सरकार के टाइम में मार्च 2009 से मार्च 2014 तक यानी 5 सालों में 1690 हजार किलोमीटर रेल मार्ग ही बना था.
कोरोना संकट से नुकसान
- कोरोना के दौर में यात्रियों को कैंसिल टिकट का पैसा वापस करने से रेलवे को बड़ा घाटा हुआ.
- कोरोना की वजह से रेलवे ने इस साल 1.78 करोड़ से ज्यादा टिकट रद्द किए.
- रेलवे को 2727 करोड़ रुपए की रकम यात्रियों को लौटानी पड़ी.
- रेलवे ने 25 मार्च 2020 से पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया था.
ठीक नहीं रेलवे की हालत
- रेलवे की हालत जानने का आसान तरीका है, ऑपरेटिंग रेशो.
- ऑपरेटिंग रेशो, यानी 100 रुपए कमाने के लिए रेलवे को कुल कितने रुपए खर्च करने पड़े.
- 1950-51 में यह 81 रुपए था जो 2019-20 में बढ़कर 98.41 रुपए हो गया. जो अब तक का सबसे खराब रेशो है.
- बीते 5 सालों में रेलवे पर खर्च 43% बढ़ा है, जबकि इसकी कमाई में 32% की ही बढ़ोतरी हुई है.
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