खरगोन में तोड़े गए रामनवमी शोभा यात्रा पर हमला करने वालों के घर
रामनवमी पर खरगोन में हिंसा करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार (11 अप्रैल, 2022) को अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। इसके लिए पाँच जेसीबी मशीनें लगाई गई।
रामनवमी पर खरगोन में हिंसा करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार (11 अप्रैल, 2022) को अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। इसके लिए पाँच जेसीबी मशीनें लगाई गई।
जानकारी के मुताबिक चार सरकारी कर्मचारियों पर भी गाज गिरी है। इन पर अफवाहें फैलाने और हिंसा में शामिल होने के आरोप थे। इनमें से तीन दैनिक वेतनभोगी हैं और एक नियमित। नियमित कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं दैनिक वेतनभोगियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिया था कि राज्य सरकार पथराव, दंगा और आगजनी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जहाँ भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच जेसीबी मशीनों को अवैध मकानों को ध्वस्त करते हुए देखा जा सकता है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिए थे कार्यवाही के निर्देश
इस घटना को लेकर राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि इस हिंसा में शामिल आरोपितों की पहचान कर ली गई है और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने कहा था कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्य प्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है। दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके लिए राज्य सरकार क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर रही है।
वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले पर ट्वीट करते हुए कहा था, “खरगोन के गुनहगारों से सख्ती से निबटा जाएगा। वहाँ जिन घरों से पत्थर आए हैं, उन घरों को पत्थर का ढेर बनाएँगे। मध्य प्रदेश में कानून का राज है और सांप्रदायिक सौहार्द को किसी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। वहाँ पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल मौजूद हैं। फिलहाल शांति है। दंगाइयों को लगातार चिन्हित किया जा रहा है। 77 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कर्फ्यू अभी भी लगा हुआ है।”
क्या है पूरा मामला?
10 अप्रैल को, खरगोन के तालाब चौक इलाके में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया। 30 से ज्यादा दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई और मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे। इस हिंसा के दौरान छह पुलिसकर्मियों समेत 24 लोग घायल हो गए। यहाँ तक कि SP सिद्धार्थ चौधरी को भी गोली लग गई। हमले के बाद शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना अचानक नहीं घटी। यह पूर्व नियोजित हमला था। उपद्रवियों ने पहले से ही छतों पर पत्थर और पेट्रोल बम जमा कर रखे थे। एक बार नहीं, बल्कि दो-दो बार आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया। शाम की हिंसा के बाद रात के 12 बजे फिर से हिंसा भड़की थी।
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