श्री अमरनाथ यात्रा : प्रतिदिन सिर्फ 2000 श्रद्धालुओं को ही मिल सकेगी बाबा बर्फानी के दर्शन की अनुमति, उपराज्य्पाल जीसी मूर्मू जल्द दे सकते हैं पवित्र यात्रा की अनुमति
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस बार प्रतिदिन सिर्फ दो हजार श्रद्धालुओं को ही जाने की अनुमति होगी। इस बार यात्रा की अवधि भी छोटी होगी। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएसबी) के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना के खतरे को देखते हुस इस बार यात्रा 21 जुलाई को शुरू होगी और 3 को खत्म हो जाएगी और प्रतिदिन केवल 2 हजार यात्रियों को दर्शन की अनुमति दी जा सकती है।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस बार प्रतिदिन सिर्फ दो हजार श्रद्धालुओं को ही जाने की अनुमति होगी। इस बार यात्रा की अवधि भी छोटी होगी। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएसबी) के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना के खतरे को देखते हुस इस बार यात्रा 21 जुलाई को शुरू होगी और 3 को खत्म हो जाएगी और प्रतिदिन केवल 2 हजार यात्रियों को दर्शन की अनुमति दी जा सकती है।
देश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या का भी ध्याान रखा जा रहा है। पवित्र गुफा में सुबह-शाम होने वाली भगवान अमरेश्वर की आरती के सीधा प्रसारण पर विचार किया जा रहा है। यात्रा को इस साल सिर्फ एक पखवाड़े तक सीमित किया जा रहा है और यात्रा 21 जुलाई को शुरू हो सकती है।
दरअसल, अमरनाथ यात्रा पहले 23 जून को प्रस्तारवित थी। लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से अब तय समय पर होना संभव नहीं है। इसी कारण एडवांस पंजीकरण भी नहीं हो पाया। ऐसे में पिछले सप्तातह बैठक में यात्रा पर मंथन किया गया। हिंदू संगठन इसे पहले जुलाई से आरंभ करने की मांग कर रहे थे लेकिन प्रशासन इस पर सहमत नहीं दिखा। चूंकि इतनी जल्दीस इसकी तैयारी करना संभव नहीं है।
बताया जा रहा है कि श्री अमरनाथ यात्रा सिर्फ बालटाल के रास्ते से होगी, लेकिन हेलीकॉप्टर सेवा पहलगाम और बालटाल दोनों स्थाानों से उपलब्ध रहेगी। तीर्थयात्रा की अनुमति सिर्फ पूर्ण रूप से स्वस्थ और कोविड-19 नेगेटिव प्रमाणपत्र वाले श्रद्धालुओं को होगी।
55 वर्ष से ज्यादा उम्र के और 14 साल से कम किसी श्रद्धालु को तीर्थयात्रा की अनुमति नहीं होगी। साधुओं के लिए कोई आयु बंधन नहीं होगा। पंजीकरण को भी सिर्फ ऑनलाइन ही सीमित रखा जा सकता है। बोर्ड यात्रा की तैयारियों को तभी शुरू करेगा जब प्रशासन की तरफ से हरी झंडी मिलेगी। प्रदेश प्रशासन से संपर्क किया गया है।
आपको बताते चलें कि उपराज्यपाल के प्रधान सचिव और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ बिपुल पाठक ने कहा कि अभी कुछ भी अंतिम रूप से तय नहीं है। विभिन्न विकल्पों और प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। बोर्ड ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। जल्द ही उपराज्यपाल जीसी मुर्मू एक बैठक बुलाएंगे उसमें कोविड-19 से उत्पन्न हालात, विभिन्न लंगर समितियिों द्वारा दिए गए सुझावों, प्रशासनिक तैयारियों का संज्ञान लेते हुए ही बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा की तीर्थयात्रा पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
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