जानिए, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार-2.0 ने 100 दिन में क्या लिए अहम और बड़े फैसले?

जानिए, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार-2.0 ने 100 दिन में क्या लिए अहम और बड़े फैसले?
Pic of Prime Minister Narendra Modi
जानिए, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार-2.0 ने 100 दिन में क्या लिए अहम और बड़े फैसले?
जानिए, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार-2.0 ने 100 दिन में क्या लिए अहम और बड़े फैसले?
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जानिए, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार-2.0 ने 100 दिन में क्या लिए अहम और बड़े फैसले?

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे कर लिए हैं। मोदी सरकार ने इन 100 दिनों में कई एसे अहम और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिनके पूरे देश और दुनिया पर असर पड़ा है। बात चाहे अनुच्छेद 370 को हटाने की हो, तीन तलाक खत्म करना हो, मोटर व्हीकल कानून में संशोधन करना हो, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक-2019 को संसद से पास कराना हो, जल शक्ति मंत्रालय का गठन करना हो, बैंकों का विलय कराना हो, 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम करना हो, फिट इंडिया अभियान की शुरुआत करना हो या फिर किसानों को सहायता स्वरूप हर साल 6000 देना जैसे कई फैसले अन्य फैसले हो, मोदी सरकार ने बेहिचक निर्णय लिए हैं।

दरअसल, कोई सरकार अच्छी है या बुरी, इसकी जानकारी हमें उसके फैसलों से मिलती है। सरकार के फैसले देश और समाज को कैसे नई दिशा दे पाती है और साथ ही साथ उन फैसलों में सरकार की कैसी इच्छाशक्ति झलकती है यह भी एक बड़ा महत्वपूर्ण होता है। नरेंद्र मोदी सरकार के 100 दिनों में कुछ ऐसे फैसले रहे जो विपक्षी पार्टियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। विपक्ष को पशोपेश में डाल दिया है वो इसका विरोध करें या समर्थन करें।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाया

सबसे पहले बात करते हैं सरकार के सबसे अहम और सबसे बड़े राजनीतिक फैसले के बारे में। अचानक अमरनाथ यात्रा को खत्म करना, जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर देना। यह सब, कुछ ना कुछ जरूर दर्शाता था। लेकिन यह किसी को पता नहीं था कि यह सरकार 70 सालों से लटके बड़े फैसले पर निर्णय ले सकती है। 5 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में यह बताते हुए कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को छोड़कर और 35ए भी खत्म किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने एक और बड़ा ऐलान किया कि जम्मू-कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया जा रहा है। इसका मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं नरेंद्र मोदी और अमित शाह पिछले 70 वर्षों से जिस पर किसी भी दल की कोई सरकार नहीं फैसला कर पाई, उस पर यह वर्तमान सरकार ने बहुत बड़ा फैसला लिया।

तीन तलाक बिल को दिलवाई मंजूरी

सरकार का दूसरा सबसे बड़ा राजनैतिक का फैसला तब देखने को मिला जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में भी पास करवाने में कामयाब रही। तीन तलाक बिल काफी लंबे समय से लटका हुआ था और बीजेपी नेता लगातार यह कहते रहे थे कि वह मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलवा के रहेंगे। और उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन तलाक बिल को मंजूरी दिलवा दी। अपने आप में सबसे बड़ा राजनीतिक फैसला माना जा सकता है। क्योंकि यह ऐसा बिल था जिसपर सभी राजनीतिक दल को राजी करना एक बड़ी चुनौती थी। राज्यसभा में बहुमत ना होने के बाद भी बीजेपी ने इसे पास करवा दिया। यह कहीं ना कहीं यह फैसला वर्तमान सरकार के अपने संकल्पों के प्रति प्रतिवद्धता को दिखाता है।

गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक-2019

सरकार का तीसरा महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसला था UAPA बिल को लेकर आना और उसे लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में भी पास करवाना। सरकार ने आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक-2019 को संसद से पास किया। नया यूएपीए कानून आतंकी गतिविधियों में शामिल या उसे प्रोत्साहित करते मिले किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का पूरा अधिकार देता है। इस बिल का राज्यसभा में भारी विरोध हुआ लेकिन इन विरोधों के बीच सरकार यह बिल 142 वोटों से पास करवाने में कामयाब रही। माना जा रहा है कि देश को आतंकवाद से मुक्त कराने में यह बिल एक अहम योगदान निभा सकते हैं। इस बिल के जरिए एनआईए मामलों की अच्छी तरह से जांच कर पाएगा।

जल शक्ति मंत्रालय बनाया

नरेंद्र मोदी सरकार ने जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। साफ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 'जलशक्ति अभियान' के अंतर्गत 256 जिलों के 1592 खंडों की पहचान की गई है। सरकार ने हर घर में, हर नल में पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

बैंकों का कराया विलय

केंद्र सरकार ने दस सरकारी बैंकों के विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का घोषणा किया हैं। इस विलय से बैंकों को बढ़ते एनपीए (NPA) से राहत मिलेगा। साथ ही साथ उपभोक्ताओं को अच्छा से अच्छा बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। मोदी सरकार के अनुसार देश को साल 2024 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने राज्यों को अपनी प्रमुख क्षमता को पहचानने की सलाह दी है और कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ाने की पहल जिला स्तर से शुरू की जानी चाहिए।

फिट इंडिया अभियान की शुरूआत 

प्रधानमंत्री मोदी ने खेल दिवस के अवसर पर फिट इंडिया अभियान की शुरूआत की। इसके तहत स्कूल, कॉलेज, जिला, ब्लॉक स्तर पर इस अभियान को मिशन की तरह चलाया जाएगा। फिट इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालय आपसी सूझबूझ से काम करेंगे और इसकी रूपरेखा भी तैयार करेंगे।

मोटर व्हीकल कानून

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ट्रैफिक नियमों को कड़ा बनाने और सड़क हादसों को रोकने के लिए देश में मोटर व्हीकल अधिनियम-2019 लागू किया। सरकार ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर भारी जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया है, ताकि वाहन चालक नियमों का पालन करें।

किसानों के सहायता स्वरूप 6 हजार रुपये

केंद्र सरकार ने किसानों को प्रत्येक साल 6 हजार रुपये देने की बात कही है। इससे 14 करोड़ किसानों को 6.37 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना में पांच करोड़ छोटे तथा सीमांत किसानों को तीन हजार रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन देने की व्यवस्था की गई है।

ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष बनाया

ओम बिरला को भी लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त करना सरकार का बड़ा राजनीतिक फैसला रहा है। आम तौर पर भारत में संसदीय व्यवस्था के शुरुआत से ही एक परंपरा रही है जिसके तहत लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर सदन के सबसे अनुभवी व्यक्ति को चुना जाता है। परंतु नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने इस बार ओम बिरला को नियुक्त कर सबको चौंका दिया। ओम बिरला महज दूसरी बार राजस्थान के कोटा से चुनकर संसद बने हैं।

आरिफ मोहम्मद खान को राज्यपाल बनाया

राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद खान को केरल का राज्यपाल नियुक्त करना सरकार का एक तरीके से बड़ा फैसला माना जा सकता है। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि आरिफ मोहम्मद खान की नियुक्ति राज्यपाल के तौर पर वर्तमान कि केंद्र सरकार करेगी पर ऐसा हुआ। सितंबर के पहले दिन जो राष्ट्रपति भवन से राज्यपालों की सूची जारी की गई उसमें आरिफ मोहम्मद खान का नाम केरल के राज्यपाल के तौर पर था। विरोधी भी सरकार के इस फैसले पर आश्चर्य करते नजर आए। आरिफ मोहम्मद खान कई पार्टियों में रह चुके हैं। हालांकि उन्हें मुस्लिम स्कॉलर के रूप में जाना जाता है और वह लगातार तीन तलाक बिल पर सरकार का समर्थन कर रहे थे।

संसद का कार्यकाल 10 दिन बढ़ाया

नरेंद्र मोदी कू सरकार के एक महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसले में संसद का कार्यकाल 10 दिन के लिए भी बढ़ाया जाना भी शामिल है। विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद भी सरकार ने संसद सत्र को 10 दिनों के लिए बढ़ा दिया। सरकार का यह फैसला बताता है कि किस तरह नरेंद्र मोदी काम करने की नीति में विश्वास रखते हैं। सरकार जनता से लगातार कह रही है कि वह इस देश के लिए लगातार काम कर रही है जबकि विरोधी नहीं चाहते कि संसद ज्यादा दिन तक चले।

एनआरसी की अंतिम सूची की जारी

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला अगस्त के आखिरी सप्ताह में आया जब गृह मंत्रालय की ओर से एनआरसी की अंतिम सूची जारी कर दी गई। इस मुद्दे पर देश भर में खूब राजनीति हो रही है और सरकार विरोधियों के निशाने पर है। लेकिन सरकार राजनीतिक विरोध के बावजूद भी इस सूची को जारी करती है।