‘जियो’ की सेवाएं हो सकती है महंगी
2019-20 के वित्तीस वर्ष के दौरान रिलायंस जियो को अपने तमाम खर्चों के लिए करीब 70,000 करोड़ रुपये के पूंजी लगाने की जरूरत है। यह कारण है कि वो अपनी सेवाओं टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती है। वर्तमान में रिलायंस जियो के ग्राहक काफी कम दाम पर तमाम टेलीकाम सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
2019-20 के वित्तीस वर्ष के दौरान रिलायंस जियो को अपने तमाम खर्चों के लिए करीब 70,000 करोड़ रुपये के पूंजी लगाने की जरूरत है। यह कारण है कि वो अपनी सेवाओं टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती है। वर्तमान में रिलायंस जियो के ग्राहक काफी कम दाम पर तमाम टेलीकाम सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
रिलायंस जियो फोन के लिए मंथली प्लान 49 रुपये से शुरू होता है। इसके तहत फ्री वायस कालिंग मिलती है और 50 मैसेज की सुविधा ग्राहकों को मिलती है। जियो ऐप्स की अनलिमिटेड ऐक्सेस भी मिलती है और इसकी वैलिडिटी 28 दिन की होती है। इस पैक में सिर्फ 1 जीबी डेटा एक महीने के लिए मिलता है।
इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में रिलायंस जियो को करीब 21,500 करोड़ रुपये की पूंजी लगाने की जरूरत है। जबकि पूरे साल के दौरान रिलायंस जियो को करीब 70,000 करोड़ रुपये के पूंजी लगाने की जरूरत है।
जियो द्वारा कीमतें बढ़ाने के आसार छह या नौ महीने पहले की तुलना में अब काफी ज्यादा हैं। पिछले दो-तीन साल से जियो को लगातार अपना निवेश बढ़ाना पड़ रहा है, ऐसे में अब उसके लिए अपनी सेवाओं के दाम बढ़ाना जरूरी होगा।
प्रतिस्पर्धी वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल की पूंजी निवेश की योजना से मुकाबले के लिए जियो को यह भारी निवेश करना जरूरी है।
यह सर्वविदित है कि साल 2016 में अपनी सेवाओं की शुरुआत से ही जियो ने सेवाओं की कीमतें काफी आक्रामक रखी हैं, जिसकी वजह से दूसरे टेलीकाम आपरेटर काफी दिक्कत महसूस कर रहे थे। जियो ने एक तरह से देश की टेलीकाम सेवाओं में क्रांति ला दी है। जियो ने वाइस और डेटा सेवाएं काफी सस्ती कर दीं, जिससे अन्य आपरेटर को भी अपनी दरें घटाने पर मजबूर होना पड़ा।
Comments (0)