जेट एयरवेज अस्थायी तौर के लिए बंद
अब 26 साल से अपनी सेवाएं दे रही जेट एयरवेज अस्थायी तौर पर उड़ाने बंद करने का फैसला ले लिया। और 18 अप्रैल से अस्थायी रूप से अपनी सभी उड़ाने रोक दीं। जेट की उड़ानें रुक जाने के बाद अब कंपनी के 16,000 स्थाई और 6,000 कान्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं
अब 26 साल से अपनी सेवाएं दे रही जेट एयरवेज अस्थायी तौर पर उड़ाने बंद करने का फैसला ले लिया। और 18 अप्रैल से अस्थायी रूप से अपनी सभी उड़ाने रोक दीं। जेट की उड़ानें रुक जाने के बाद अब कंपनी के 16,000 स्थाई और 6,000 कान्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल 25 साल पुरानी एयरलाइन कंपनी पर आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और बैंकों ने 400 करोड़ रुपये का इमर्जेंसी फंड देने से इनकार कर दिया। इसके बाद कंपनी के सामने ‘शटरडाउन’ के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा। कंपनी हर दिन करीब 600 फ्लाइट्स आपरेट कर रही थी।
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों के मामले में जेट एयरवेज देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस में से एक है। पिछले एक दशक में किंगफिशर के बाद कामकाज बंद करने वाली जेट दूसरी कंपनी बन गई है।
अब जेट का भविष्य नीलामी पर निर्भर है। बैंकों ने जेट के 75 फीसदी शेयरों के लिए बोली मंगवाई है। शुरुआती बोली में 4 कंपनियों ने भाग लिया है। इन्हें 10 मई तक अंतिम बोली लगानी है।
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