काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का किया उद्घाटन वहीं से हार रही बीजेपी
वाराणसी दक्षिणी सीट पर पिछले आठ चुनाव यानी 1989 से ही भाजपा का कब्जा रहा है. पिछले 8 चुनाव में सपा से लेकर बसपा तक की सरकारें बनीं, मगर इस सीट पर भगवा पार्टी को अब तक कोई नहीं हरा पाया है.
UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आज सामने आ रहे हैं. वही आज आने वाले नतीजों में सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पर होंगी. वाराणसी के 8 विधानसभा सीटों दक्षिणी सीट सबसे हॉट बनकर उभरी है. वाराणसी दक्षिण सीट पर बीजेपी और सपा के बीच कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है. यहां से भाजपा के नीलकंठ तिवारी (BJP Neelkanth Tiwari) 7 हजार मतो से पीछे चल रहे हैं. इनका सपा के उम्मीदवार कामेशवर किशन दीक्षित (SP Kameshwar alias Kishan Dixit) के बीच आमने-सामने का मुकाबला है.
इस सीट (Varanasi South Seat) पर पिछले आठ चुनाव यानी 1989 से ही भाजपा का कब्जा रहा है. पिछले 8 चुनाव में सपा से लेकर बसपा तक की सरकारें बनीं, मगर इस सीट पर भगवा पार्टी को अब तक कोई नहीं हरा पाया है. वाराणसी दक्षिण विधानसभा सीट से बीजेपी के डॉ. नीलकंठ तिवारी विधायक हैं. उन्होंने 2017 में कांग्रेस के राजेश मिश्रा को 17,226 मतों से हराया. 2017 में यहां 63.58 प्रतिशत मतदान हुआ था. वाराणसी की भी 8 विधानसभा सीटों की बात करे तो मौजूदा समय में यहां की सभी छह सीटों पर भारतीय जनता पार्टी, जबकि एक- एक सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) का कब्जा है. बता दें कि बनारस के दक्षिणी सीट पर में काशीविश्वनाथ कॉरिडोर है.
वहीं बनारस के बाकी विधानसभा सीटों की बात करें तो उधर, शिवपुर से बीजेपी के अनिल राजभर, शहर उत्तरी से रवींद्र जायसवाल और कैंट से भाजपा के सौरभ श्रीवास्तव आगे चल रहे हैं. पिंडरा से कांग्रेस के अजय राय आगे चल रहे है.
वाराणसी दक्षिण सीट का सियासी इतिहास:
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2017- डॉ. नीलकंठ तिवारी- भाजपा
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1989 से 2012- श्याम देव राय चौधरी- भाजपा
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1985- रजनी कांत- कांग्रेस
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1980- कैलाश टंडन- इंक (आई)
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1977- रामबलि तिवारी- जेएनपी
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