इमरान खान ने सरकार बचाने का आखिरी दांव खेला,विपक्ष से बोले- अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने पर भंग कर देंगे असेंबली
पाकिस्तान में अपनी गद्दी बचाने की कवायद में जुटे प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को संसद में बहुमत गंवा बैठे। सत्तारूढ़ गठबंधन के अहम सहयोगी दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने विपक्ष
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पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक नई चाल चल दी है। इमरान खान ने विपक्ष के नेता को संदेश दिया है कि अगर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लिया जाता है तो वो असेंबली को भंग कर देंगे। इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आज से चर्चा भी शुरू हो गई है।
पाकिस्तान की जियो न्यूज के मुताबिक इमरान खान ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने पर असेंबली को भंग करने की पेशकश की है। सूत्रों के मुताबिक एक खास व्यक्ति ने नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीब तक इमरान खान का संदेश पहुंचाया है। इमरान खान ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक की।
शरीफ ने पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद ए-95 के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था और इस पर 161 सदस्यों ने दस्तखत कर रखे हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान तीन अप्रैल को होने की उम्मीद है, जिससे पहले दोनों पक्ष संसद में इस पर बहस करेंगे।
इमरान सरकार के दो अहम सयोगियों-मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के विपक्षी मोर्चे में शामिल होने के बाद से विपक्ष की स्थिति और मजबूत हो गई है। हालांकि, इमरान पर इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच उनके मंत्रियों का कहना है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री 'आखिरी ओवर की आखिरी गेंद' तक लड़ाई जारी रखेंगे।
इमरान को उनकी सरकार गिराने की विपक्ष की कोशिशों को नाकाम करने के लिए 342 सदस्यीय निचले सदन में 172 वोट की जरूरत है। हालांकि, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने दावा किया है कि विपक्ष के पास 175 सांसदों का समर्थन है और प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
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